शिमला – नर्सों द्वारा रोगी कल्याण समिति में दी गई सेवा अवधि को अब अनुबंध सेवा का कार्यकाल माना जाएगा, जिससे इस पूरे वर्ग को लाभ मिलेगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शुक्रवार को नर्सिंग सप्ताह के समापन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में की। मुख्यमंत्री आईजीएमसी में 1.60 करोड़ रुपए से स्थापित फाइब्रो-स्कैन मशीन का लोकार्पण किया। यह मशीन लिवर संबंधी रोगों के साथ-साथ लिवर को हुए नुकसान को जांचने में उपयोगी साबित होगी। मशीन के लगने से अब लिवर के रोगियों को बायोप्सी करवाने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग सप्ताह के समापन समारोह प मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों की सफलता में नर्सों की अहम भूमिका है और उनके परिश्रम और लग्न से जहां मरीजांे को उचित देखभाल मिलती है, वहीं संस्थान की विश्वसनीयता भी बढ़ती है। राज्य सरकार प्रदेश के लोगों को निचले स्तर तक सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए कृतसंकल्प है तथा सरकार का प्रयास है कि शहरी क्षेत्र में जिस तरह की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं, उसी तर्ज पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में छह मेडिकल कालेज आरंभ होने से पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ होगी और चिकित्सकों की कमी को पूरी तरह दूर कर लिया जाएगा। स्वास्थ्य संस्थानों में नवीनतम चिकित्सा उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं, ताकि मुख्य जांच परीक्षण अस्पतालों में ही किए जा सकें। इस अवसर पर आईपीएच मंत्री विद्या स्टोक्स, सीपीएस नंदलाल, हरीश जनारथा, प्रधानाचार्य आईजीएमसी डा. अशोक शर्मा, प्रोफेसर एवं प्रमुख गेस्ट्रो-एंटरोलॉजी विभाग डा. बृज शर्मा, अध्यक्ष एनजीओ फेडेरेशन एसएस जोगटा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपिस्थत रहे।
विमला-रतन को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
मुख्यमंत्री ने नर्सिंग एसोसिएशन को सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए 50 हजार रुपए देने की घोषणा भी की। वीरभद्र सिंह ने इस अवसर पर नर्सिंग सेवा के लिए विमला किरण प्राथी और रतन सिंह को ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ भी प्रदान किए।