एसएफआई ने छातों से निकाली खुखरी

शिमला — एचपीयू परिसर सहित विश्वविद्यालय के होस्टलों में 19 अप्रैल 20 मई को हुई हिंसक झड़प में अब नया ही मोड़ आ गया है। एबीवीपी ने एसएफआई पर छात्राओं के बैग और छातों से तेजधार हथियार निकालने के आरोप लगाए हैं। एबीवीपी किसी वीडियोग्राफी का हवाला देकर यह आरोप एसएफआई पर लगा रही है। एबीवीपी प्रांत सह मंत्री अंकित जम्वाल ने बताया कि एक तरफ तो एसएफआई के तथाकथित बुद्धिजीवी लोग स्टडी एंड स्ट्रगल का झूठा नारा देते हैं, वहीं दूसरी तरफ विवि में हिंसा का माहौल बनाते हैं। किस तरह से पूरी लड़ाई को इनके द्वारा अंजाम दिया जाता है। सबसे पहले यह लोग शराब पीकर कैंपस में दिन दहाड़े विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को डराते -धमकाते हैं। उसके बाद होस्टल में सुनियोजित तरीके से एबीवीपी के कार्यकर्ता जो रात्रि भोजन के लिए मैस में थे उनके उपर राड़ों, पत्थरों व दराटों से हमला करते है। अगले दिन आम छात्रों के साथ भी दुर्व्यवहार करते हैं व विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमला करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सीसीटीवी कैमरा से जो वीडियो निकाली गई हैं उसमें और भी ऐसे कार्यकर्ता हैं जो एक अक्तूबर की लड़ाई के समय धारा 307 के तहत मामले में आरोपी हैं तथा कंडिशनल बेल पर बाहर हैं। अंकित जम्वाल ने कहा कि एबीवीपी विवि इकाई पुलिस प्रशासन से मांग की है कि एसएफआई के लोग जो कंडिशनल बेल पर बाहर हैं व सीसीटीवी फुटेज में साफ-साफ रॉडे़ व डंडे चलाते दिख रहे हैं उन्हें तुरंत गिरफ्तार करें, ताकि विवि का माहौल फिर से न खराब हो। यदि जल्द से जल्द उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया, तो विद्यार्थी परिषद सभी छात्रों को लामबंद कर उग्र धरना-प्रदर्शन करेंगे।

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