कामगार दिहाड़ी लगाने में रहे मगशूल

नालागढ़ —  जहां एक ओर सोमवार को विश्व मजदूर दिवस मनाया गया, वहीं कुछ कामगारों को इस दिवस के महत्त्वता और इसकी कोई भी जानकारी नहीं है। इन मजदूरों को तो बस दिहाड़ी लगाकर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर अपने-अपने परिवार का गुजर-बसर सही ढंग से करना है और इसी की इन्हें चिंता सताए रहती है। जानकारी के अनुसार विश्व मजदूर दिवस के मौके पर मजदूरों के लिए मनाए जाने वाले इस विश्व मजदूर दिवस से कामगार ही अनभिज्ञ है। अपने काम में लगे इन मजदूरों को मजदूर दिवस का पता ही नहीं है। नालागढ़ क्षेत्र में काम कर रहे कामगारों से जब पूछा कि मजदूर दिवस क्या होता है और यह दिन क्यों खास है, तो उनका यही कहना था कि उनके लिए तो सभी दिवस एक जैसे हैं। मजदूरों ने जब पूछा कि कौन सा और क्या खास दिन है तो तब जाकर उन्हें मालूम हुआ कि एक मई को विश्व मजदूर दिवस मनाया जाता है। मजदूरों का कहना था कि जब वह काम करेंगे, तभी दो वक्त की रोटी का जुगाड़ हो सकेगा, जिसकी खातिर वह अपने घरों को छोड़कर यहां मजदूरी करने आए हैं। नालागढ़ में काम करने में जुटे प्रवासी मजदूर नेम सिंह, सतवीर, शकुंतला, जलपारा आदि ने कहा कि उन्हें इस दिवस के बारे में किसी ने कोई जानकारी नहीं दी है, अपितु उन्हें तो इस दिवस के बारे में कोई जानकारी नहीं है कि इस दिन क्या होता है। मजदूरों का कहना है कि उन्हें मजदूर दिवस का उन्हें कोई इल्म नहीं है उन्होंने कहा कि उनके लिए तो सारे ही दिन एक जैसे ही है, क्योंकि यदि वह कामकाज करके दिहाड़ी नहीं लगाएंगे तो शाम को अपने परिवार का पेट भरना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वह रोजमर्रा की तरह हर दिन अपने कामकाज में जुट जाते हैं। हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण वर्क वेलफेयर बोर्ड के चेयरमैन बावा हरदीप सिंह ने कहा कि मजदूर दिवस पर संगठित व असंगठित क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों को दिहाड़ी दिलाने की वह प्रदेश सरकार से मांग उठाएंगे।

विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं? निःशुल्क रजिस्टर करें !