केंद्र से मिले 137 करोड़ यूज ही नहीं किए

शिमला – केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि हिमाचल सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है। यहां सरकार को काम करने से अलग अपने मसले सुलझाने में समय लग रहा है और यही कारण है कि केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न ऊर्जा योजनाओं के लिए दिए गए 137.58 करोड़ रुपए का इस्तेमाल ही नहीं किया गया है। इसके बारे में आज तक कोई रिव्यू नहीं किया गया। शायद यह देश का पहला ऐसा राज्य होगा, जिसे इतनी बड़ी रकम दी गई है, परंतु 13 हजार 994 घर अभी भी वंचित हैं। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना को लेकर देश के 12 केंद्रों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान ‘दिव्य हिमाचल’ द्वारा प्रदेश के संबंध में पूछे गए सवाल पर श्री गोयल ने कहा कि उन्हें इस बात की हैरानी है कि उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार के समय ऊर्जा क्षेत्र में कोई रिव्यू नहीं किया गया, लेकिन जब भाजपा की सरकार आई तो वहां समीक्षा की गई। ऐसा ही हिमाचल में भी हुआ है, जहां की सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र को लेकर कोई बात उनके सामने नहीं रखी। इस मौके पर यहां शिमला केंद्र में सतलुज जल विद्युत निगम के निदेशक कार्मिक नंदलाल शर्मा भी मौजूद रहे। केंद्रीय राज्यमंत्री से पूछा गया था कि प्रदेश में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना का काम शुरू नहीं हो सका है, क्योंकि कंपनियां नहीं आ रहीं। हिमाचल ने शर्तों में छूट मांगी है। प्रदेश में 13 हजार 994 घरों में बिजली नहीं है, इस पर पीयूष गोयल बोले कि हिमाचल की सरकार अभी भ्रष्टाचार में लिप्त है, जिस कारण उसने न तो कभी उन्हें हिमाचल बुलाया और न ही दिल्ली में इससे जुड़ी कोई बात कही। हिमाचल के ऊर्जा मंत्री आते तो हैं, लेकिन कुछ कहते नहीं। यहां के ऊर्जा मंत्री ने शर्तों में छूट जैसी कोई मांग नहीं की। यदि करेंगे तो छूट प्रदान की जाएगी।

हिमाचल से खास लगाव

पीयूष गोयल ने कहा कि हिमाचल कुछ मांगता तो जरूर देते, क्योंकि हिमाचल के प्रति उनकी संवेदना है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1978 में 10वीं कक्षा में जब वह पढ़ते थे तो परिवार के साथ 22 दिन के लिए हिमाचल आए। रोहतांग में उनका जाना हुआ। हिमाचल के लोग प्यार देते हैं, वह रमणीय स्थल है, वहां लोग प्यार से चाय पिलाते हैं। ऐसे में हिमाचल के साथ वह खुद को भी जोड़कर देखते हैं।