यहां यह है स्थिति
पीएचसी डिगेढ़ लैब तकनीशियन और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के सहारे चल रहे हैं। पीएचसी कोठी, लगौटी और पीएचसी कुंगश में फार्मासिस्ट तक नहीं है। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दलाश में फार्मासिस्ट सहित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के छह पद रिक्त पड़े हैं।
किस काम के स्वास्थ्य केंद्र
सरकार ने आनी विस क्षेत्र के गांव-गांव में पीएचसी खोल दिए हैं। इसके अलावा और भी पीएचसी खोलने की भी घोषणाएं भी मुख्यमंत्री ने की हैं। दलाश में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तथा आनी मुख्यालय के अस्पताल को सिविल अस्पताल का दर्जा भी दे दिया है, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से चरमराई हुई हैं।
इतनी दूर मिलती है सुविधा
बता दें कि आनी के लोगों को घरद्वार पर खुले सिविल अस्पताल, पीएचसी और सीएचसी में स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है। इन्हें 105 किलोमीटर का सफर कर आईजीएमसी शिमला और 120 किलोमीटर का पैदल सफर कर जिला अस्पताल कुल्लू जाना पड़ता है।
एक्स-रे मशीन किस काम की
दलाश में एक्स-रे की सुविधा दे दी है, लेकिनरेडियोलॉजिस्ट का पद ही सृजित नहीं किया गया है।
किस लिए खोली पीएचसी
सात-आठ महीने पहले खनाग में पीएचसी खोली है, लेकिन यहां के लिए स्टाफ नहीं भेजा गया है। जानकारी के अनुसार हैल्थ वर्कर्ज लोगों की नब्ज टटोल रहे हैं।
क्या कहते हैं लोग
आनी विस क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाली शारदा ठाकुर, राम लाल, सरोजनी, सपना देवी, सोहन लाल का कहना है कि कई बार सरकार से डाक्टरों समेत अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने की मांग की गई, लेकिन सरकार आनी के लोगों के साथ अन्याय कर रही है।
लोगों की यह मांग
आनी में विशेषज्ञ डाक्टर की मांग की है। वहीं, आनी में कुछ टेस्ट की सुविधा प्रदान करने की मांग की है।
एमबीबीएस नहीं, विशेषज्ञ तो दूर
एमबीबीएस डाक्टर उपलब्ध नहीं हैं, विशेषज्ञ डाक्टरों की बात तो दूर की है। फार्मासिस्ट और लैब तकनीशियन के सहारे कार्य चलाना पड़ रहा है।
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