जल संरक्षण का डाटा अब ऑनलाइन

देश के 300 जिलों के लिए विशेष योजना, प्रदेश के आठ जिले शामिल

मंडी —  देश के300 जिलों में भूमिगत जल व प्राकृतिक जल स्रोतों को लेकर अब एक विशेष योजना लागू होगी। इस योजना के तहत 300 जिलों में जल प्रबंधन का डाटा पूरी तरह से ऑनलाइन किया जाएगा। इस योजना के तहत प्रदेश के भी आठ जिलों को चुना गया है। इस योजना के तहत अब जिलों के सैकड़ों गांवों में जल स्रोतों को लेकर सर्वे किया जाएगा, जिसके बाद उसकी असली तस्वीर सामने आएगी। इसके बाद केंद्र सरकार प्राकृतिक जल स्रोतों और अन्य जल स्रोतों को लेकर एक योजना तैयार करेगी। पूरे देश में इस योजना को दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में देश के अन्य 292 जिलों के साथ ही मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, चंबा, सोलन, सिरमौर, किन्नौर और शिमला को इस योजना में लिया गया है। मंडी जिला में इस योजना के तहत 500 गांवों में यह सर्वे किया जाएगा। भारत सरकार की कृषि में जल संग्रहण योजना के तहत देश के 300 जिलों में यह प्रयोग किया जा रहा है, जिसके तहत इन गांवों में जल संग्रहण की स्थिति, जल स्रोतों की उपलब्धता से संबंधित सारी जानकारी ऐप के माध्यम से केंद्र सरकार तक पहुंचेगी। मंडी में इस योजना के तहत पांच गांवों को शामिल किया गया है। इस काम जिम्मा मंडी में स्वयंसेवी संस्था मंडी साक्षरता एवं जन विकास समिति को राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक की ओर से यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। उपायुक्त एवं समिति के अध्यक्ष संदीप कदम ने बताया कि मंडी के 500 गांवों में जल संरक्षण को लेकर जागरूक किया जाएगा। इसमें किसान क्लबों, महिला मंडलों, स्वयं सहायता समूहों, सहकारी सभाओं तथा आम जन विशेषकर महिलाओं को इस कार्यक्रम के साथ जोड़ा जाएगा। मंडी साक्षरता एवं जन विकास समिति के जल दूत इस दौरान जिला के 500 गांवों में शिविरों का आयोजन करेंगे, जिनमें जल संरक्षण के लिए सहभागी समितियों का गठन किया जाएगा।

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