जीएसटी से कुछ खुश, कुछ नाराज

उद्योग जगत की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आई सामने

नई दिल्ली — वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को पहली जुलाई से लागू करने के उद्देश्य से वस्तुओं एवं सेवाओं के लिए दरें तय किए जाने पर उद्योग जगत ने मिलीजुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है। ऑटो उद्योग के शीर्ष संगठन सियाम ने जहां इसका स्वागत किया है, वहीं टेलीकॉम और बिवरेजेज उद्योग ने नारागजी जताई है, जबकि खुदरा कारोबारियों के प्रमुख संगठन कैट ने सधी हुयी टिप्पणी की है। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अध्यक्ष विनोद दसारी ने ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए तय जीएसटी दरों को उम्मीद के अनुरूप बताते हुए कहा कि इससे पूरे उद्योग को लाभ होगा और विभिन्न स्तरों पर कर का भार भी कम होगा। इससे ऑटोमोटिव मिशन 2016-26 के लक्ष्य हासिल करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने कराधान में स्थिरता लाने के साथ ही जहां अधिक कर था उसे कम करने का भी काम किया है। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अलग दर तय किए जाने से देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को प्रोत्साहन मिलेगा और इसी तरह अलग कर की दर हाईब्रिड वाहनों के लिए भी मिलनी चाहिए। हालांकि उन्होंने कुछ वाहनों पर 15 फीसदी उपकर लगाए जाने का उल्लेख करते हए कहा कि 10 से 13 सीट वाले वाहनों का उपयोग जन परिवहन के लिए किया जाता है और इस पर 15 फीसदी उपकर लगाया जाना सही नहीं है। टेलीकॉम उद्योग के शीर्ष संगठन सीओएआई ने दूरसंचार सेवाओं पर 18 फीसदी जीएसटी को निराशाजनक बताते हए कहा कि भारी दबाव से गुजर रहे इस उद्योग पर जीएसटी दर से अतिरिक्त भार पड़ेगा।

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