नगरोटा बगवां में बैठेगा पहला बैच
देश के पहले हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज पर विवाद खत्म, बोर्ड ऑफ गवर्नर की बैठक में फैसला
बिलासपुर— भाजपा ही नहीं, बल्कि कांग्रेस नेताओं के तमाम विरोध के बावजूद बिलासपुर की बंदलाधार पर प्रस्तावित देश के पहले हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज की कक्षाएं नगरोटा बगवां इंजीनियरिंग कालेज में चलेंगी। अगस्त से पहला बैच बिठा दिया जाएगा। पहले शैक्षणिक सत्र में दो ही कोर्स शुरू किए जाएंगे, जिसमें 60 सीटें आरक्षित की गई हैं। अब 22 मई को होने जा रही मीटिंग में बंदला में भवन एवं आधारभूत ढांचा विकसित करने की योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक बोर्ड ऑफ गवर्नर की 26 अप्रैल को शिमला में आयोजित मीटिंग में महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। बीओजी की मीटिंग में ही हाइड्रो कालेज की कक्षाएं नगरोटा बगवां में शुरू करने का निर्णय हुआ है और यह भी निर्णय हुआ है कि पहले सत्र से दो ही कोर्स शुरू किए जाएंगे, जिनमें सिविल और इलेक्ट्रिकल शुमार हैं, जबकि अगले साल कम्प्यूटर और मेकेनिकल कोर्स आरंभ किए जाएंगे। तकनीकी शिक्षा विश्वविद्यालय हमीरपुर के माध्यम से पहले बैच की आरक्षित 60 सीटों के लिए पात्र युवाओं का चयन किया जाएगा। दूसरी ओर तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से कालेज में प्रोफेसर और स्टाफ की नियुक्ति को लेकर केस पद सृजन के लिए सरकार को भेज दिया है। अब बंदला में कालेज भवन और अन्य आधारभूत ढांचा विकसित करने की कवायद शुरू की जाएगी, जिस पर 22 मई को तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में गठित कमेटी की मीटिंग में निर्णय लिया जाएगा।
प्रदेश सरकार हर साल देगी दस करोड़
एनटीपीसी और एनएचपीसी की संयुक्त भागीदारी से बनने वाले इस कालेज पर 125 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। पहले चरण में एनटीपीसी और एनएचपीसी की ओर से 75 करोड़ रुपए 37.50-37.50 करोड़ जमा करवाए जा चुके हैं। इसके बाद पांच साल के लिए राज्य सरकार हर वर्ष दस करोड़ रुपए जारी किया करेगी। बंदलाधार में कालेज भवन विकसित करने के लिए चिन्हित की गई 62 बीघा जमीन तकनीकी शिक्षा विभाग के नाम स्थानांतरित हो चुकी है, जबकि इससे सटी सात बीघा निजी जमीन को अक्वायर करने के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है।
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