संडे को बंद रहती है सीएचसी
हैरानी की बात है कि प्रदेश के जिला कुल्लू के तहत पड़ने वाली सीएचसी सैंज संडे और अन्य अवकाश के दिन ताला लटका रहता है। कायदे अनुसार ऐसा नहीं होता है। वहीं, अन्य दिनों भी नाममात्र की स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही है।
सीएचसी का दर्जा, पर सुविधा नहीं
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद सैंज में अढ़ाई साल पहले सीएचसी खोल दी है, लेकिन इस सीएचसी में अभी तक स्टाफ नहीं भरा है। ऐसे में सीएचसी खोलने का क्या फायदा है। जहां लोगों को सर्दी-जुखाम जैसी बीमारी के उपचार के लिए भी तरफना पड़ रहा है।
डेपुटेशन पर आता है डाक्टर
जानकारी के अनुसार इस सीएचसी में डेपूटेशन पर डाक्टर साहब आ रहे हैं। यहां पर नियमित डाक्टर नहीं होने से उन्हें भी अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। दो-दो स्वास्थ्य केंद्रों का जिम्मा संभालना पड़ रहा है।
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नियमित रूप से एक नर्स तैनात
जानकारी के अनुसार यहां के लिए दो डाक्टर स्वीकृत हैं। लेकिन यहां एक भी डाक्टर नहीं है। स्टाफ नर्सों के स्वीकृत चार पदों में से एक ही पद भरा गया है। लैवतकनीशियन खाली है। चतुर्थ श्रेणी के तीन पद और फार्मासिस्ट के पद भी खाली हैं।
क्या कहते हैं घाटी के लोग
सैंज अस्पताल में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने पर कई बार लोग स्वास्थ्य विभाग के प्रति आक्रोशित हुए हैं। घाटीवासी ओम प्रकाश, महेंद्र, इंद्र, यशपाल का कहना है कि सरकार ने सैंज घाटी की जनता के साथ भद्दा मजाक किया है। सीएचसी में लोगों को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल रही है।