पांच तटीकरण योजनाओं पर संकट

By: May 21st, 2017 12:15 am

तीन नामंजूर और दो नदियों के चैनेलाइजेशन पर नहीं बढ़ पा रहा काम

newsशिमला— स्वां चैनेलाइजेशन का काम बंद होने के बाद पांच अन्य तटीकरण योजनाएं भी ठंडे बस्ते में पड़ चुकी हैं। इनमें तीन योजनाओं को केंद्र सरकार ने अपनी मंजूरी प्रदान नहीं की है, वहीं दो अन्य को मंजूरी के बाद भी पैसा नहीं दिया जा रहा है। इस पर केंद्र सरकार के जल संसाधन मंत्रालय ने तर्क दिया है कि प्रदेश को 14वें वित्तायोग द्वारा दी गई अतिरिक्त धनराशि से राज्य सरकार ये काम करवाए। कुल मिलाकर प्रदेश की तटीकरण योजनाओं पर अब काम हो पाएगा यह मुश्किल लग रहा है। विधानसभा में भी तटीकरण का यह अहम मुद्दा उठ चुका है, जिसमें सरकार ने विपक्षी दल भाजपा के नेताओं ने सहयोग की अपील तक की है। सरकार का कहना है कि विपक्ष के नेता व अन्य लोग अपनी केंद्र सरकार पर इस मामले को लेकर दबाव बनाएं, लेकिन उनकी तरफ से भी कोई प्रयास नहीं किए गए हैं। ऐसे में स्वां चैनेलाइजेशन बंद होने के बाद दूसरी योजनाएं भी खटाई में पड़ चुकी हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार सुकेती खड्ड के तटीकरण के लिए हिमाचल ने केंद्र सरकार से 650 करोड़ की धनराशि मांगी थी, जिसमें सुंदरनगर से लेकर मंडी तक ब्यास का तटीकरण किया जाना था। इसके साथ एक प्रोजेक्ट पलचान से औट तक का भेजा गया था, जिसकी लागत 1150 करोड़ बनाई गई थी। इसी तरह से सीर खड्ड के तटीकरण के लिए एक योजना का प्रारूप 95 करोड़ का भेजा गया। इन तीनों योजनाओं को केंद्र सरकार ने अपनी मंजूरी प्रदान नहीं की है। इसके साथ पब्बर नदी के तटीकरण की योजना का मसौदा भेजा गया, जो कि 190 करोड़ का था। इस पर पूर्व की केंद्र सरकार ने मंजूरी भी दे दी थी, लेकिन एनडीए सरकार में इसके लिए भी पैसा नहीं दिया गया, वहीं छौंछ खड्ड, जो कि इंदौरा में है, के लिए 180 करोड़ मांगे गए थे, जिसमें से 22 करोड़ आए और काम भी शुरू किया गया, परंतु इसके बाद आगे पैसा प्रदान नहीं किया गया है।

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