पाक ने लांघी हदें, अब सबक सिखाना जरूरी

सैनिकों के साथ दुर्व्यवहार पर फूटा पूर्व सैनिकों-परिजनों का गुस्सा

नाहन —  पाकिस्तान द्वारा वार्डर पर सैनिकों के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार से सैनिक परिवार आहत हैं। सैनिक परिवारों का कहना है कि अब समय आ गया है कि भारत सरकार को सेना को खुली छूट दे देनी चाहिए। सैनिक परिवारों का कहना है कि पाकिस्तान यदि अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है तो केंद्र सरकार को आर्मी के लिए रास्ते खोल देने चाहिए, क्योंकि जिस प्रकार पाकिस्तान सेना द्वारा हरकतें की जा रही हैं उससे न केवल सैनिक परिवार बल्कि आम नागरिक भी आहत हैं। पाकिस्तानी हरकतों को लेकर ‘दिव्य हिमाचल’ ने सेना से सेवानिवृत्त हवलदार रविंद्र कुमार व उसके परिवार से बात की तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर था। सैनिक परिवारों का कहना है कि अब सब्र की हदें पार हो गई हैं। अब सरकार को चाहिए कि पाकिस्तान के खिलाफ एक और सर्जिकल स्ट्राइक कर उसे उसकी औकात दिखाई जाए। सैनिक परिवार से हुई बात के कुछ अंश।

सवाल- जो जवान शहीद हो रहे हैं उन्हें लेकर सैन्य परिवार क्या सोच रहे हैं।

सैन्य परिवार- पाकिस्तान को अब उसी की भाषा में जवाब देना चाहिए, क्योंकि अब सब्र की हदें पार हो गई हैं। इसलिए अब सरकार को कोई अंतिम निर्णय ले लेना चाहिए।

सवाल- पाकिस्तान की हरकतों से सैन्य परिवारों की भावनाएं आहत हो रही हैं ऐसे में सैन्य परिवार केंद्र सरकार की भूमिका को कैसे देखे रहे हैं और क्या उम्मीद लगाए बैठे हैं।

सैन्य परिवार- सेना में तैनात जो भी सैनिक शहीद होता है उसके परिवार को सरकार को न केवल आर्थिक मदद करनी चाहिए, बल्कि परिवार के एक सदस्य को नौकरी का भी इंतजाम करना चाहिए। साथ ही शहीद के बच्चों को पूरी शिक्षा निःशुल्क दी जानी चाहिए। केंद्र सरकार से उम्मीद है कि वह पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाए,।

सवाल- सैन्य परिवारों की क्या राय है, उनकी नजर में क्या कार्रवाई होनी चाहिए।

सैन्य परिवार- जिस प्रकार पाकिस्तान हरकतें कर रहा है उसके चलते पाकिस्तान के खिलाफ एक और सर्जिकल स्ट्राईक कर उसी के घर में जाकर कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही कश्मीर में पाकिस्तान के मददगार लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई अमल में लानी चाहिए।

सवाल- क्या पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देना चाहिए या उनकी नजर में सुधार का कोई रास्ता है।

सैन्य परिवार- जी हां, पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देना होगा, क्योंकि लातों के भूत बातों से नहीं मानते और पाकिस्तान भी उसी में से एक है। साथ ही सरकार को चाहिए कि पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दवाब डाला जाए, ताकि पाकिस्तान आतंकी हरकतों से बाज आए।

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