बायोप्सी टेस्ट से नहीं गुजरेंगे लिवर के मरीज

शिमला – फाइब्रो-स्कैन मशीन के लोकार्पण पर स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ मानी गई हैं, जिसके लिए सरकार ने निरंतर प्रयास किए हैं और राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया है। आईजीएमसी में स्थापित फाइब्रो-स्कैन मशीन लिवर से जुड़ी बीमारी की जांच और उपचार में महत्त्वपूर्ण सिद्ध होगी। मशीन के लगने से लिवर के मरीजों को पीड़ादायक बायोप्सी जांच से गुजरना नहीं पड़ेगा, जिसके लिए उन्हें अकसर पीजीआई चंडीगढ़ जाना पड़ता था। कौल सिंह ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि नर्सों के आरकेएस की सेवा अवधि को अनुबंध सेवा में परिवर्तित किया जाए, ताकि उन्हें चार साल के बाद नियमित किया जा सके। उन्होंने कहा कि स्वीकृति के लिए यह मामला शीघ्र ही कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा। इस अवसर पर नर्सिंग एसोसिएशन की महासचिव कल्पना रिचिट ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस दौरान नर्सों के समक्ष आ रही विभिन्न चुनौतियों के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई। एसोसिएशन की प्रधान भावना ठाकुर ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री का लंबे समय से आ रही उनकी मांगों को पूरा करने के लिए आभार जताया।