बास्पा घाटी का छितकुल गांव है परियों के देश जैसा

By: May 3rd, 2017 12:05 am

घाटी में अंतिम आवासीय गांव हरे-भरे खेतों और ऊंचे पर्वत शिखरों से घिरा छितकुल परियों के देश जैसा है। छोटे-छोटे विलक्षण घर, मंदिर, गोम्पा और बास्पा घाटी के शंगरी-ला के पूर्ण  प्रतिबिंब मंत्र मुग्ध कर देते हैं… 

बैंटनी

विरासत में मिला यह भवन तब के सिरमौर के महाराजा का गर्मियों का निवास महल था, जिसका निर्माण 1880 ई. में हुआ। इसका नाम गवर्नर जनरल लॉर्ड बैंटिक के नाम से लिया गया है, जो समीपवर्ती ग्रैंड होटल के संकुल में रहता था। इसलिए सारी पहाड़ी को ही बैंटनी नाम से जाना जाता है। इससे पूर्व वहां कैप्टन गॉर्डन के स्वामित्व की एक जीर्ण-शीर्ण झोंपड़ी थी, जो उस स्थान पर खड़ी है। यह सुंदर भवन शिखर शिल्प शैली का एक रोचक मिश्रण है, जो कि डयोड़ी  के ऊपर पैगोड़ा रूपी रचना और लकड़ी के भरपूर प्रयोग को दर्शाता है। भवन की चारदीवारी ढले हुए लोहे की आड़ द्वारा की गई है, जिसे नाहन के प्रसिद्ध ढलाई कारखाने में तैयार किया गया था। सरकार ने 26 जुलाई 2011 ई. को माल स्थित 130 वर्ष पुराने ऐतिहासिक बैंटनी भवन के अभग्रहण के आदेश दिए जिससे किसी भी ऐसे अभियान को विराम लग गया, जिसका परिणाम इस बहुमूल्य ब्रिटिश धरोहर के व्यावसायिक उद्यम के लिए खो देना था।

बजौरा

यह कुल्लू शहर से 15 किलोमीटर पहले आता है। यह बशेश्वर महादेव के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर को आठवीं शताब्दी के मध्य में बनाया गया था।

बास्पा घाटी

बास्पा घाटी जिसे सांगला घाटी के नाम से भी जाना जाता है, किन्नौर की घाटियों में सबसे सुंदर में से एक है। यह कड़छम (1899 मीटर)से शुरू होती है, जहां पूर्व दिशा से आ रही बास्पा नदी सतलुज से मिलती है। बास्पा घाटी के लिए सड़क नदी के संगम स्थान से हिंदोस्तान तिब्बत मार्ग की शाखा के रूप में निकलती है और दक्षिण दिशा की ओर मुड़ते हुए पुल द्वारा सतलुज पार करके कड़छम पहुंचती है। घाटी सांगला के आगे खुलती है और यह छितकुल (3435 मीटर )तक पेड़ों से आच्छादित ढलानों से भरी है। घाटी में अंतिम आवासीय गांव हरे-भरे खेतों और ऊंचे पर्वत शिखरों से घिरा छितकुल परियों के देश जैसा है। छोटे-छोटे विलक्षण घर, मंदिर, गोम्पा और बास्पा घाटी के  शंगरी-ला के पूर्ण  प्रतिबिंब मंत्र मुग्ध कर देते हैं।

जैतक

सिरमौर जिला में जैतकका किला, जो अब भग्न अवस्था में है, एक ऐतिहासिक स्थान है। 1814 ई. में युद्ध के दौरान गोरखों ने किले की रखवाली करने के लिए 2200 आदमियों के साथ यहां पोजीशन ली थी। यह किला रणजोर सिंह थापा द्वारा बनाया गया था। यह किला कई युद्धों के बाद अंग्रेजों ने कब्जाया।

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