बोरिंग है ‘हाफ गर्लफ्रेंड’

मोहित सूरी, यानी फिल्म ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ के निर्देशक ने एक इंटरव्यू में हाल ही में कहा था कि इन दिनों चल रही फिल्म ‘बाहुबली-2’ की लहर से वे इनकार नहीं करते। उनकी फिल्म का बजट भले ही इस फिल्म जितना बड़ा न हो, पर यह पूरे दिल से बनाई गई है, मगर फिल्म की रिलीज के बाद उनका यह दावा खोखला साबित होता नजर आ रहा है। मोहित की पिछली रिलीज ‘हमारी अधूरी कहानी’ की तरह यह फिल्म भी बोर करती है। यह कहानी है माधव झा (अर्जुन कपूर) और रिया सोमानी (श्रद्धा कपूर) की। बिहार के माधव को दिल्ली के नामी कालेज सेंट स्टीवेंस में स्पोर्टस कोटा के तहत एडमिशन मिल जाता है। यहां बास्केटबाल कोर्ट में उसकी मुलाकात होती है रिया से और बाकी की पूरी फिल्म में वह रिया के पीछे भागता रहता है। कभी दिल्ली में, कभी बिहार में तो कभी न्यूयार्क में। माधव के किरदार में अर्जुन कपूर जबरदस्त मिसफिट लगे हैं। न तो उनके गठीले शरीर में एक बास्केटबाल खिलाड़ी की फुर्ती नजर आई है, न ही वह एक ग्रामीण परिवेश के लड़के की तरह सहज लगे हैं और न ही वह बिहारी लहजे को ठीक से अपना पाए हैं। कालेज स्टूडेंट तो वह किसी भी कोने से नहीं लगे हैं। रिया के किताबी किरदार में जो दर्द, जो तड़प थी, उसे श्रद्धा न तो खुद महसूस कर पाईं, न ही दूसरों को महसूस करा पाईं। फिल्म के इन दो मुख्य किरदारों के अलावा बाकी किरदारों के करने के लिए फिल्म में ज्यादा गुंजाइश नहीं है। फिल्म के संगीत की बात करें तो ‘फिर भी तुमको चाहूंगा’ और ‘बारिश’ के अलावा बाकी गाने औसत ही हैं। इस फिल्म से प्रोडक्शन में कदम रखने वाले चेतन से हम सहानुभूति ही जता सकते हैं।

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