मीटिंग में गरमाया ट्रिब्यूनल

शिमला  – हिमाचल सचिवालय चालक संघ एवं कर्मशाला संघ की सोमवार की बैठक आयोजित की गई ,जिसकी अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष शांति स्वरूप ने की। बैठक में मजीठा हाउस स्थित कार्यशाला और प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के बीच चल रहे गतिवरोध का मुद्दा छाया रहा। गौरतलब है कि सामान्य प्रशासन विभाग की कार्यशाला वर्ष 1977 से कार्यरत है, जिसमें सरकार के वाहनों की रखरखाव, मरम्मत कार्य एवं धुलाई की जाती है। पिछले कुछ दिनों से मजीठा हाउस स्थित प्रशासनिक ट्रिब्यूनल और कार्यशाला के बीच गतिरोध चल रहा है, जिसकी वजह कार्यशाला में मरम्मत कार्य व वाहनों की धुलाई के दौरान मशीनी शोर का होना बताया जा रहा है ,जबकि चालक संघ का दावा है कि कार्यशाला वर्ष 1977 से इसी स्थान पर कार्य कर रही है। इस संदर्भ में कभी कोई शिकायत नहीं आई है। चालक संघ ने रोष व्यक्त किया कि प्रशासनिक ट्रिब्यूनल सरकार से बात करने की बजाय कार्यशाला में काम करने वाले कर्मचारियों को तंग कर रहा है। चालक संघ का कहना है कि कार्यशाला में अब अत्याधुनिक मशीनों से वाहनों की मरम्मत व धुलाई की जाती है, जिससे पूर्व की अपेक्षा बहुत कम आवाज होती है, लेकिन ऐसे प्रशासनिक ट्रिब्यूनल द्वारा शोर को वजह बताना हैरान करने वाली बात है। अकस्मात वीवीआईपी ड्यूटी, मुख्यमंत्री, मंत्रियों व अफसर वर्ग के साथ ड्यूटी के लिए तैयार होना होता है। ऐसे में कार्यशाला को बंद करना अथवा स्थानांतरित करना तर्कसंगत प्रतीत नहीं होता, क्योंकि कार्यशाला के निर्माण में सरकार द्वारा करोड़ों रुपए की राशि व्यय की गई है। बैठक मेंचालक संघ ने सरकार से मांग की है कि प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को चक्कर स्थित जिला कोर्ट परिसर में स्थानांतरित किया जाए।

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