मेरे पिता का मर्डर हुआ है

चंबा- क्षेत्रीय अस्पताल के पिछले हिस्से में गत 22 अप्रैल को संदिग्धावस्था में बरामद लोक निर्माण विभाग कर्मचारी के शव मिलने की घटना के मामले में नया मोड आ गया है। मृतक के बेटे हेमराज ने शुक्रवार को ग्रामीणों संग डीसी सुदेश मोख्टा से मिलकर पति की मौत को हादसा नहीं बल्कि हत्या करार दिया है। हेमराज ने अपनी माता पर पिता की हत्या का संदेह जताते हुए उच्चस्तरीय जांच करवाकर घटना की वास्तविकता से पर्दा हटाने की गुहार लगाई है। हेमराज ने डीसी को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि गत 20 अप्रैल को उसके पिता बीमारी होने के चलते माता संग उपचार के लिए क्षेत्रीय अस्पताल चंबा आए थे। अस्पताल से आधी रात को अचानक उसके पिता रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए थे। मगर उसकी माता ने पिता के लापता होने की बात नहीं बताई। हेमराज का कहना है कि उसने व परिजनों ने अपने स्तर पर लापता पिता की काफी तलाश की, लेकिन कोई पता नहीं चल पाया और तीसरे दिन उसके पिता अस्पताल के पिछले हिस्से में मृत हालात में पड़े पाए गए, जबकि इस जगह वह पहले पिता की तलाश कर चुके थे। हेमराज का कहना है कि जिन हालातों में उसके पिता मृत हालात में पड़े पाए गए हैं उससे कई सवाल पैदा हो रहे हैं। हेमराज का कहना है कि उस दिन काफी बारिश हुई थी, लेकिन खुले में पड़े उसके पिता का शव बिलकुल सूखा था। तीन दांत टूटने के अलावा सिर पर चोट के निशान थे। इससे जाहिर होता है कि उसके पिता की हत्या कर शव को वहां फेंका गया। हेमराज ने संदेह जताया है कि उसकी माता ने किसी के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया है। हेमराज ने खुलासा किया कि उसकी माता ने पिता पर घरेलू हिंसा के तहत केस दर्ज किया था। इस पर अदालत के आदेशों पर सात हजार रुपए मासिक खर्च माता को दिया जा रहा था। हेमराज ने डीसी से उजागर पहलुओं के आधार पर घटना की जांच करवाने की मांग की है। उधर, डीसी सुदेश मोख्टा ने हेमराज व ग्रामीणों को भरोसा दिलाया है कि घटना की जांच करवाकर न्याय प्रदान किया जाएगा।