मोटापे को बायबाय

मोटापे की पहचान है कि जितने इंच ऊंचाई हो उतने ही किलोग्राम वजन होना चाहिए इससे कम होने पर पतला और अधिक होने पर मोटा कहा जाएगा।

बचपन में दौड़भाग करते रहने के कारण शरीर में फालतू चर्बी जमा नहीं हो पाती, लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं शारीरिक श्रम के अभाव में शरीर पर चर्बी जमा होने लगती है। चर्बी के कारण रक्त संचार में बाधा उत्पन्न होती है एवं रक्तवाहिनियों में वसा के कारण कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है जिससे बीपी एवं हृदयरोग घर कर जाते हैं। रक्त संचार कम होने पर रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घट जाती है और तमाम बीमारियों का खतरा पैदा हो जाता है।

मोटापा दूर करने या इससे बचने के दो उपाय हैं, पहला है भोजन सुधार और दूसरा है प्रतिदिन शारीरिक श्रम। जिन पदार्थों में कार्बोहायड्रेट अधिक हो उन्हें त्याग दें जैसे तेल,घी, आलू, शकरकंद और चीनी। सुबह जल्दी उठकर एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू और 1 से 2 चम्मच शहद मिलाकर नित्य पिएं। इसके बाद शौच के लिए जाएं। फिर 3 से 4 किलोमीटर टहलें और हल्का व्यायाम करें।

नाश्ते में पराठें, ब्रेड, सीरियल या पोहे की जगह रसदार फल खाएं और मक्खन निकला मट्ठा पिएं।

दोपहर और रात के भोजन में गेहूं की जगह जौं के आटे की एक-दो रोटी लें, उबली या कम घी में फ्राई सब्जी तथा सूप लें। डिब्बा बंद तेल का प्रयोग कभी न करें।

खाने के तुरंत बाद पानी पीने से भी मोटापा बढ़ता है क्योंकि इससे जठराग्नि मंद होती है और शरीर खाने को ऊर्जा की बजाय चर्बी में बदल देता है।

क्रोध, चिंता और शोक ये स्वास्थ्य और सौंदर्य का नाश करते हैं अतः इनसे बचें।

विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं? निःशुल्क रजिस्टर करें !