मोबाइल रोक पर परिषद लाल

सोलन    —  अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सोलन ने सेवानिवृत्त प्रोफेसरों को पुनः नियुक्त करने और हिमाचल प्रदेश के कालेजों में मोबाइल पर रोक लगाने पर कड़े शब्दों में निंदा की है। एबीवीपी के जिला संयोजक हेमराज ने कहा कि वर्तमान में हिमाचल के कालेजों में शिक्षकों की कमी है और मात्र 500 पदों को ही भरा जा रहा है, जबकि मुख्यमंत्री अपनी घोषणाओं में जगह-जगह पर नए कालेज खोल रहे हैं। एबीवीपी मांग करती है कि नए कालेजों को खोलने की तर्ज पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी की जाए और सेवानिवृत्त अध्यापकों को पुनः नियुक्त करना प्रदेश के हजारों बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा, इसलिए एबीवीपी मांग करती है कि कालेजों में रिक्त पड़े पदों को जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू हो और युवाओं को इसमें मौका दिया जाएं और सेवानिवृत्त प्राध्यापकों की पुनः नियुक्ति का एबीवीपी विरोध करती है। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां देश को डिजिटल बनाने की बात की जा रही है वहीं हिमाचल के कालेजों में मोबाइल फोन पर रोक की बात की जा रही है। इसका एबीवीपी कड़े शब्दों में विरोध करती है। जहां भारत 21वीं शताब्दी की ओर बढ़ रहा है सब कुछ डिजिटल हो रहा है, कालेज व स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम बनाए जा रहे हैं, उसमें शिक्षा सचिव का यह फैसला कई मायनों में गलत है। आज कई विभागों के अधिकारी यहां तक कि स्वयं मुख्यमंत्री भी फोन व्हाट्सअप के माध्यम से लोगों से जुड़ रहे हैं। इस बारे में फोन बैन करने का फैसला सही नहीं है। आज के समय अध्यापक फोन लेकर न जाएं और कक्षा के दौरान छात्र को भी फोन इस्तेमाल पर पाबंदी हो, इसका एबीवीपी समर्थन करती है लेकिन कॉलेज में फोन बैन और स्पेशल जोन जो बनाने की बात की है वह असंभव सा लगता है क्योंकि वर्तमान प्रदेश सरकार व प्रशासन छात्रों के लिए पर्याप्त क्लासरूम और मूलभूत आवश्यकताओं को मुहैया करवाने में असमर्थ है और बातें हो रही हैं मोबाइल का इस्तेमाल करने के लिए स्पेशल जोन बनाने की। ऐसी स्थिति में ऐसे नियमों की एबीवीपी आलोचना करती है और हिदायत देती है कि कालेजों में रिक्त पड़े पदों को जल्द भरा जाए और सेवानिवृत्त प्राध्यापकों की पुनः नियुक्ति न हो अन्यथा एबीवीपी प्रदेश में उग्र आंदोलन करेगी।

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