सरहद पर गोलीबारी से ही…बढ़ जाता है बीपी

बिलासपुर —  ‘सीमा पार से जब भी गोलीबारी की खबर आती है, कलेजा फट जाता है। हम टीवी-रेडियो पर समाचार सुनना ही बंद कर देते हैं, लेकिन ध्यान वहीं रहता है कि मां भारती की रक्षा में जुटे जवानों को कुछ हो न जाए। वक्त काटे नहीं कटता है और फिर फोन पर अपनों का हालचाल जानकर दिल को सुकून मिलता है। पता नहीं केंद्र सरकार पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन लेने से क्यों डर रही है। सरहद पर पाकिस्तान की दरिंदगी का जवाब हमें भी कड़ी कार्रवाई से ही देना चाहिए। क्यों फौज को फ्री हैंड नहीं दे देते? पाकिस्तान के प्रति बड़ी सहनशक्ति दिखा दी, अब उसे अपनी असली ताकत भी दिखा देनी चाहिए, ताकि सरहद पर किसी मां का बेटा दरिंदगी का शिकार न हो और किसी का सुहाग बेरहमी से न उजड़े। न ही बच्चों के सिर से कभी बाप का साया उठे। अब मोदी जी को मन नहीं, बल्कि पाकिस्तान को गन की बात सुनानी चाहिए’। यह बात पूर्व सैनिक कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष सूबेदार प्रकाश चंद के परिजनों ने कही। सैन्य परिवार का कहना है कि जिस बर्बरता से हमारे सैनिकों को मौत के घाट उतारा गया है वैसे ही सर्जिकल स्ट्राइक चलाकर पाक सेना को करारा जवाब दिया जाना चाहिए। दो सैनिकों के बदले पाक सेना के बीस सिर काटकर लाए। बरठीं के रहने वाले पूर्व सैनिक कल्याण समिति के प्रदेशाध्यक्ष सूबेदार प्रकाश चंद के परिवार के सदस्यों के मन में पाक सेना के खिलाफ भारी गुस्सा है। सूबेदार प्रकाश चंद के अलावा उनकी पत्नी रक्षा देवी, माता बंती देवी के साथ ही कंचन कुमारी, बीना देवी, सुनीता देवी, निशा कुमारी, हवलदार नाहर सिंह, सिद्ध सिंह और हवलदार सुंदर सिंह ने कहा कि 15 सितंबर 2013 को नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के रेवाड़ी में आयोजित जनसभा में पूर्व सैनिकों को आश्वस्त किया था कि यदि पाकिस्तान देश के किसी एक सैनिक को शहीद करता है तो बदले में वहां जाकर दस पाक सैनिकों को मार गिराएंगे, लेकिन आज वह आश्वासन बेदम लग रहा है, क्योंकि हाल ही में पाक सेना ने दो सैनिकों के सिर कलम कर दिए और वापस सुरक्षित लौट भी गए। इस पर तत्काल एक्शन लिया जाना चाहिए था। अब वक्त आ गया है कि पाक सेना को सबक सिखाया जाए, ताकि वह दोबारा इस तरह का कृत्य न कर पाए। सैनिक परिवार के सदस्यों के अनुसार हाल ही में सुकमा में नक्सली हमले में 26 जवानों ने शहादत का जाम पिया है। क्या नक्सलियों की इस हरकत पर करारा जवाब नहीं बनता था? आखिरकार मोदी सरकार क्या इंतजार कर रही है, जबकि पाक को तो जवाब देना जरूरी हो गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री से आग्रह किया है कि जिस प्रकार पिछले वर्ष सितंबर माह में सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी उसी तरह की सर्जिकल स्ट्राइक की अब जरूरत है। इसमें देर भी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। आए दिन जे एंड के में बार्डर पर हमले हो रहे हैं और जवान शहीद हो रहे हैं, लेकिन पाक सेना को करारा जवाब देने के लिए कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही इस पर सरकार रुख स्पष्ट करे? उन्होंने मोदी सरकार से यह भी आग्रह किया है कि सेना के हाथ खोल दें, ताकि पाक के खिलाफ एक्शन ले सकें।

यह उम्मीद है अपनी सरकार से

भारत सरकार चाहे तो कुछ भी कर सकती है। पिद्दी भर देश हमारी सीमा में घुसकर सैनिकों के सिर कलम कर देता है और हम शांति की अपील करते रह जाते हैं। अब सरकार को आर-पार की लड़ाई लड़नी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय दबाव को भूल जाओ, पाकिस्तान को घर में घुसकर मारो। इसके लिए सरकार को फौज को फ्री हैंड दे देना चाहिए। दस दिन में दुनिया के नक्शे से यह आतंकी मुल्ख गायब हो जाएगा और अमन-चैन बहाल होगा। न किसी का बेटा शहीद होगा, न किसी की असमय मांग उजड़ेगी, न किसी बच्चे के सिर से बाप का साया उठेगा। आतंकियों की जब नर्सरी ही खत्म हो जाएगी, तो विश्व भी दहशतगर्दी से मुफ्त हो जाएगा।

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