सीएचसी घवांडल में एक भी डाक्टर नहीं, मरीज लावारिस

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नर्सें-फार्मासिस्ट देख रहे मरीजों की नब्ज; लोग परेशान, रोगियों को नहीं मिल रही सुविधा

नयनादेवी – नयनादेवी विधानसभा क्षेत्र की लगभग 24 पंचायतों व नगर परिषद नयनादेवी के एक मात्र घवांडल स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले लगभग एक माह से एक भी चिकित्सक न होने के कारण स्थानीय जनता को भारी परशानी का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि इतने महत्त्वपूर्ण संस्थान को सरकार ने फार्मासिस्टों ओर नर्सों के सहारे छोड़ दिया है, जिस कारण बीमारी से ग्रस्त लोगों को पंजाब की और जाना पड़ रहा है। कहने को तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घवांडल में चार डाक्टर तथा एक दंत चिकित्सक का पद है परंतु बिडंवना यह है कि वर्तमान समय में यहां पर एक भी डाक्टर उपलब्ध नहीं है, जिस कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है अब डेपुटेशन पर डाक्टर आ रहे हैं, जबकि एमओ लंबी छुट्टी पर गए हैं तथा यह भी पता नहीं है कि वह आएंगे? फार्मासिस्ट मरीजों को देखें या अस्पताल का काम। फार्मासिस्ट रात दिन फिर भी अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं अब गंभीर बीमारी होने के कारण लोगों को नंगल व आनंदपुर साहिब का रुख करना पड़ रहा है। तीन अगस्त, 2008 को नयनादेवी में भगदड़ के दौरान काफी बड़ा हादसा हो गया था बावजूद उसके आज भी नयनादेवी में अस्पताल की कोई भी सुविधा नहीं है। कहने को नयनादेवी अस्पताल सामुदायिक अस्पताल है, लेकिन आज तक कोई सर्जन एक भी आपरेशन नहीं कर सका तथा मरीजों को नंगल या आनंदपुर साहिब या चंडीगढ़ के लिए रैफर कर देते हैं, परंतु डाक्टर न होने के कारण लोग पहले ही  पंजाब की ओर चले जाते हैं, नयनादेवी अस्पताल में सफाई की कमी का एक मुख्य कारण यह है कि बाहरी लोग भी अस्पताल के शौचालय का प्रयोग करते हैं। यहां तक कि सर्दियों में पानी गर्म करके नहाने धोने का काम भी धड़ल्ले से चलता है, पानी गर्म करने के लिए हीटर या विद्युत रोड़ों से काम लेकर सरकारी बिजली का भी खुल्ला दुरुपयोग होता है। नयनादेवी के इस अस्पताल के नए भवन का शिलान्यास मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने एक वर्ष पूर्व किया था, परंतु एक वर्ष बीत जाने के बाद भी एक भी ईंट अभी तक नहीं लगी है, कहीं ऐसा न हो कि यह काम ऐसे ही लटका रहे तथा अस्पताल राजनीतिक लोगों का शिकार बन जाए। नयनादेवी एक महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थल है तथा लाखों की संख्यां में लोग आते हैं तथा कई बार कोई दुर्घटना भी घट जाती है तो मात्र प्राथमिक चिकित्सा देकर ही मरीजों को बचाने का एक मात्र साधन रहा है अन्यथा मरीजों को ज्यादातर रैफर कर दिया जाता है।

एंबुलेंस हैं, पर ड्राइवर नहीं

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घवांडल में एंबुलेंस तो है, परंतु पिछले चार वर्षोंं से उसे चलाने के लिए कोई भी ड्राइवर नहीं है तथा एंबुलेंस खड़ी-खड़ी खराब हो रही है। नयनादेवी के साथ गांव मलेटा तथा मंडयाली में हैल्थ सब-सेंटर हैं, परंतु वर्कर न होने के कारण भी लोगों को ज्यादा समस्या हो रही है

आयुर्वेदिक अस्पताल का भवन तैयार

नयनादेवी मंदिर न्यास ने नयनादेवी के लिए आयुर्वेदिक अस्पताल के भवन का निर्माण करवाया। यहां तक कि 10 बिस्तर तथा अच्छा भवन बनाकर सरकार को दिया, परंतु सरकार ने आज तक इस अस्पताल को न परखा तथा न ही जरूरी सहूलियतें प्रदान कीं, जबकि इस अस्पताल में दो डाक्टर की जरूरत है।

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