सैलरी पूरी…रिजल्ट क्यों खराब

सरकारी स्कूलों के हाल पर शिक्षा विभाग के नए अतिरिक्त मुख्य सचिव एजेवी प्रसाद ने ली अधिकारियों की क्लास

शिमला  — अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा का कार्यभार संभालने के बाद एजेवी प्रसाद ने पहली बार उच्च शिक्षा निदेशकों के साथ बैठक की। पहली ही बैठक में उन्होंने शिक्षा के गिरते परिणाम पर शिक्षा अधिकारियों की जमकर क्लास ली। एसीएस ने कहा कि जब सरकार शिक्षकों को वेतन पूरा दे रही है, तो वे परिणाम क्यों खराब दे रहे हैं। उन्होंने शिक्षा उपनिदेशकों को दोटूक कहा कि वे अपने-अपने जिलों में शिक्षकों की जिम्मेदारी तय करें और उनसे खराब परिणामों की स्टीक वजह पूछें। इसके साथ ही स्कूलों में औचक निरीक्षण कैडर को भी फील्ड में जाकर निरीक्षण करने और उनकी रिपोर्ट देने को कहा गया है। बैठक के दौरान एसीएस ने कहा कि जब निजी स्कूल के अध्यापक बेहद कम वेतन पर बेहतरीन परिणाम दे सकते हैं, तो सरकारी स्कूलों के अध्यापक उनसे आठ गुना वेतन पर क्यों अच्छे परिणाम देने में कामयाब नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बात पर इंस्पेक्शन कैडर को काम करना होगा कि क्यों आखिर सरकारी स्कूलों के बच्चे पढ़ाई में पिछड़ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि हाल ही में दसवीं के परीक्षा परिणामों में सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। सरकारी स्कूलों में से केवल एक ही छात्रा मैरिट में जगह बनाने में कामयाब रही थी। इसके बाद शिक्षा विभाग की ओर से सभी स्कूलों से परिणाम की जानकारी मांगी गई थी। इस बारे में शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल शिक्षा बोर्ड को पत्र लिखकर पूरी जानकारी मांगी थी। इसमें सभी स्कूलों को विषय वार परिणाम देने को कहा गया था। खराब परिणाम देने वाले शिक्षकों की इन्क्रीमेंट में रोक लगने के साथ ही खराब परिणाम का प्रभाव उनकी एसीआर में भी पड़ सकता है। पिछली बार भी विभाग की ओर से कार्रवाई करने की कसरत की गई थी, लेकिन उसके खास परिणाम सामने नहीं आए और खराब परिणाम देने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई के दावे फाइलों में ही रह गए। अब विभाग खराब रिजल्ट वाले शिक्षकों को बख्शने के मूड में नहीं है। इसलिए खुद अतिरिक्त मुख्य सचिव ने उपनिदेशकों को दो टूक कहा है कि वे शिक्षकों की जिम्मेदारी तय करें।

सीसीटीवी से नहीं सुधर जाएगा शिक्षा का स्तर

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि स्कूलों में सीसीटीवी लगाने मात्र से शिक्षा का स्तर नहीं सुधरने वाला। इसके लिए और प्रयास करने होंगे और अध्यापकों को राज्य हित को समझते हुए अपना कर्त्तव्य निभाना होगा और बेहतर परिणाम देने होंगे।

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