एंटी रैबीज के टीके लगाने को भीड़

By: Jun 15th, 2017 12:05 am

ऊना —  बंगाणा उपमंडल की ग्राम पंचायत बैरियां के तहत कृष्णनगर(भलौण) के 13 वर्षीय युवक की रैबीज के कारण हुई मौत से गांव में दहशत का माहौल है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने भी पीएचसी सोहारी-टकोली में उक्त गांव के सभी ग्रामीणों को निःशुल्क एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगाए। वहीं, बीमारी के डर से तो कई ग्रामीणों ने अपनी जेब से पैसे खर्च करके ही इंजेक्शन लगवा लिए हैं। बुधवार को भी पीएचसी सोहारी-टकोली में एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगवाने के लिए ग्रामीणों का जमावड़ा लगा रहा। बताते चलें कि 13 वर्षीय मनीष कुमार पुत्र बलबीर सिंह निवासी कृष्णनगर ग्राम पंचायत बैरियां(भलौण) को आवारा कुत्ते के काटने से रैबीज की बीमारी हो गई थी, जिसके करीब अढ़ाई माह बाद सोमवार को मनीष ने पीजीआई में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। इस पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मनीष के घर पहुंचकर उसके परिजनों व मोहल्ले में करीब तीस लोगों को एंटी रैबीज के टीके लगाए थे। बुधवार को भी स्वास्थ्य विभाग ने पीएचसी सोहारी-टकोली में अन्य बचे ग्रामीणों को टीके लगाए। रैबीज बीमारी अगर एक बार हो जाए तो इसका कोई भी इलाज नहीं है।

रैबीज बीमारी के लक्षण

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार रैबीज बीमारी के रोगी को पानी से सबसे ज्यादा डर लगता है। वह एक पानी के गिलास को देखकर भी डरता है। उसे लाइट से भी डर लगता है तथा सांस लेने में भी दिक्कत होती है। रोगी को दौरे पड़ने शुरू हो जाते हैं

बीमारी से बचाव

रैबीज बीमारी के फैलने का मुख्य कारण किसी जानवर द्वारा काटना है। ऐसे में यदि कोई जानवर किसी को काट ले तो सबसे पहले उस जख्म को साफ पानी के साथ साबुन लगाकर धोएं। इसके बाद तुरंत चिकित्सक के पास जाकर एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाएं।

भारत मैट्रीमोनी पर अपना सही संगी चुनें – निःशुल्क रजिस्टर करें !


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App or iOS App