अब 120 साल जिएगा इनसान

हममें से शायद ही कोई शख्स होगा, जो लंबा जीवन नहीं चाहता होगा। ऐसी चाहत रखने वाली सभी लोगों के लिए यह अच्छी खबर हो सकती है। हाल में हुए शोध में ऐसी दवा बनाने का दावा किया गया है कि जिसके प्रभाव से अगले 60 वर्षों में इनसान की उम्र 120 साल तक पहुंच जाएगी। यह दवाएं मनुष्य के डीएनए को इस तरह से प्रभावित करेंगी कि उसके आंतरिक अंग लंबे समय तक क्रियाशील रह सकेंगे। शोध में दावा किया गया है कि इनसान के आंतरिक अंगों की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को थामना संभव है। इसके जरिए वह मौजूदा 81 वर्ष की जीवन प्रत्याशा के आगे भी कई दशक तक जी सकता है। हमारे डीएनए को प्रभावित करने वाली दवाओं की मदद से शरीर के अंगों की क्रियाओं को बरकरार रखा जा सकता है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि लंबी उम्र की ख्वाहिश रखने वालों को संर्पूण प्रभाव के लिए स्वस्थ जीवनशैली भी अपनानी होगी। सेंट पीटर्सबर्ग इंस्टीच्यूट ऑफ बायोरेगुलेशन एंड जेराटोलॉजी के अध्यक्ष और प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर व्लादिमीर खाविंसन का कहना है कि अब हमारा मकसद लोगों को बढ़ती उम्र में अधिक से अधिक समय तक स्वस्थ जीवनशली उपलब्ध कराने का होना चाहिए।  जीवनप्रत्याशा बढ़ाने वाली इन दवाओं में थाइमालिन है, जो प्रतिरोधक क्षमता के तंत्र को बरकरार रखती है और मस्तिष्क की क्रियाओं को नियंत्रित करने वाली कॉर्टेक्सिन है। यह दवाएं पेप्टाइड टेक्नोलॉजी थ्योरी के आधार पर काम करती हैं। यह डीएनए के साथ परस्पर संपर्क कर उस प्रोटीन के उत्पादन में इजाफा करती हैं, जो जीवन की अवधि बढ़ाता है। कई यूरोपीय देश अगले तीन साल में इन दवाओं के परीक्षण शुरू करने पर चर्चा कर रहे हैं। इनमें से तकरीबन छह दवाएं रूस में उपलब्ध हैं।