ऊना शहर में कूड़े के ढेर

ऊना — शहर में सफाई व्यवस्था बनाने को लेकर नगर परिषद ऊना के सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। शहर में मुख्य स्थानों पर कूड़े के बड़े-बड़े ढेर लगे हुए हैं जो कि शहर की शोभा को ग्रहण लगा रहे हैं। सफाई व्यवस्था को बनाने के लिए बेशक नगर परिषद ने दिल्ली की एक नामी कंपनी के साथ करार किया है, लेकिन शहर में कूड़े के डंपरों के बाहर लगे कूड़े के ढेर उक्त कंपनी की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। वहीं, नगर परिषद के अधिकारी कूड़ा न उठाने को लेकर पहले ठेकदार द्वारा सफाई कर्मचारियों को भड़काने की बात कह रहे हैं। नप अधिकारियों का कहना है कि लेबर एक्ट के तहत रविवार को सफाई कर्मचारी छुट्टी पर होंगे तो कूड़ा नहीं उठाया जा सका है। सोमवार सुबह ही शहर का कूड़ा उठाया जाएगा। बताते चलें कि पुरानी कंपनी के साथ नगर परिषद का सफाई व्यवस्था को किया गया करार पहली जून को समाप्त हुआ था, जिसके बाद भी लगातार करीब पांच दिनों से कूड़ा न उठ पाने से सफाई व्यवस्था चरमरा गई थी, जिसे भी ‘दिव्य हिमाचल’ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद दूसरे ही दिन नगर परिषद ने जेसीबी लगाकर कूड़ा उठाया था। 16 जून से नई कंपनी को शहर की स्वच्छता का जिम्मा सौंपा गया, जिसके साथ नगर परिषद में करीब पांच लाख 48 हजार रुपए में प्रति माह के लिए करार किया है, जिसमें कर्मचारियों के साथ-साथ गाडि़यां भी कंपनी की तरफ से ही आएंगी, जो कि शहर का कूड़ा ठिकाने लगाएगी। ज्वाइनिंग के समय तो कंपनी कर्मचारियों ने कूड़ा उठाना शुरू किया, लेकिन रविवार को एक बार फिर से शहर के मुख्य स्थानों पर कूड़े के ढेर लगे पाए गए। शहर के सबसे व्यस्त रेड लाइट चौक के समीप सैनिक कैंटीन के बाहर तथा नगर परिषद पार्किंग स्थल में लगे कूड़े के डंपर पूरी तरह से भर चुके थे और इसके आसपास लगे कूड़े के ढेर सफाई शहर की स्वच्छता को दर्शा रहे थे।

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