कृत्रिम जीभ बताएगी शराब असली या नकली

वैज्ञानिकों ने एक कृत्रिम जीभ विकसित की है, जो नए शराब पीने वालों को स्कॉटिश माल्ट व्हिस्की और आयरिश ब्लेंड के बीच का अंतर पता करने में मदद कर सकती है। सिंथेटिक जीभ व्हिस्की में विभिन्न गुणों का पता लगा सकती है। यह फ्लोरोसेंट डाइज का उपयोग करके शराब के ब्रांड, वह कब बनी थी और किस देश में बनी थी, इसका पता चल सकेगा। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह प्रक्रिया मौजूदा तरीकों की तुलना में तेज और सस्ती है। जर्मनी में हीडलबर्ग यूनिवर्सिटी में उवे बुंज ने बताया कि हम नकली व्हिस्की का पता लगाने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि आप महंगी व्हिस्की के क्रेट खरीदते हैं तो आप यह जांच सकते हैं कि क्या यह वास्तव में वही है, जो सोचकर आपने इसे खरीदा था। वर्तमान में मौजूद टेक्निक्स में मास स्पेक्ट्रोस्कोपी का उपयोग किया जाता है, जो व्हिस्की में मौजूद केमिकल्स की पहचान करता है। हालांकि, नई सिंथेटिक जीभ 22 विभिन्न फ्लोरोसेंट डाइज के कांबीनेशन का उपयोग करती है। इसे जब व्हिस्की के साथ मिलाया जाता है तो प्रत्येक डाई की चमक पूरी तरह बदल जाती है। यह उस पेय के लिए विशिष्ट फ्लेवर प्रोफाइल का खुलासा करती है। 33 अलग-अलग व्हिस्की पर रंगों का परीक्षण करते हुए शोधकर्ताओं ने पाया कि यह कृत्रिम जीभ उन सबको अलग-अलग पहचान बता सकती है। स्कॉटलैंड में डिस्टिल्ड विस्की, आयरलैंड या अमरीका से अलग दिखती है, वहीं ब्लैंड व्हिस्की में सिंगल माल्ट्स की तुलना में एक अलग फिंगरप्रिंट होता है।

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