कैदी को गोल्ड मेडल देगी इग्नू

वाराणसी की सेंट्रल जेल की बैरक नंबर बी-4 में उम्र कैद की सजा काट रहे 30 साल के सुरेश बिंद को गोल्ड मेडल से नवाजा जाएगा। सुरेश ने देश भर में फैले इग्नू के तीन हजार सेंटरों पर डिप्लोमा इन टूरिज्म का कोर्स करने वाले हजारों छात्रों में सबसे ज्यादा 72 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। इग्नू के इतिहास में यह पहला मौका है, जब लगातार दूसरे साल एक ही जेल के कैदी को गोल्ड मेडल मिलेगा। इससे पहले इसी जेल के कैदी रहे जौनपुर के अजीत को गोल्ड मेडल मिला था। बीएचयू कैंपस में 17 जून को आयोजित इग्नू के 29वें दीक्षांत समारोह में कैदी के कपड़े पहने और फोर्स से घिरा सुरेश गोल्ड मेडल लेगा। गाजीपुर जिला के दोहरा कला गांव का सुरेश बचपन से ही पढ़ाई में तेज था। बीए की डिग्री हासिल करने के बाद 2007 में हुई एक घटना ने उसकी जिंदगी ही बदल दी। जमीन विवाद के मामले में हुई हत्या के दोषी सुरेश को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इग्नू के वाराणसी रीजन सेंटर के रीजनल डायरेक्टर डा. एएन त्रिपाठी ने बताया कि इस बार कैदी सुरेश के अलावा एमएएच कोर्स में सबसे ज्यादा अंक हासिल करने वाली दिप्ती कुमारी को भी गोल्ड मेडल से नवाजा जाएगा। चीफ गेस्ट बीएचयू के वीसी प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी होंगे। जेल प्रशासन को सूचना देकर सुरेश को समारोह में लाने की व्यवस्था करने को कहा गया है। सुरेश वकील बनना चाहता था। इग्नू के जरिए मौका मिला तो उसने अपनी श्रेष्ठता साबित कर दी। डिप्लोमा इन टूरिज्म के बाद अब उसने डेयरी टेक्नालॉजी कोर्स में एडमिशन लिया है। पिता मन्नी किसान तो छोटा भाई संजय भाभा रिसर्च सेंटर में यंग साइंटिस्ट हैं। जेलर और इग्नू को-ऑर्डिनेटर धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सुरेश को गोल्ड मेडल दिए जाने की जानकारी इग्नू की ओर से मिली है। पढ़ाई में तेज होने के साथ सुरेश अच्छा क्रिकेटर भी है। जेल में हुए लीग मैच में उसने सेंचुरी लगाई थी।

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