गुम्मा प्रोजेक्ट के 12 पंप खराब

By: Jun 29th, 2017 12:10 am

newsसुन्नी— राजधानी शिमला को पेयजल आपूर्ति कराने वाले मुख्य पेयजल स्त्रोत गुम्मा पंपिग स्टेशन इस समय दयनीय स्थिति में है। शिमला को पेयजल आपूर्ति के मुख्य स्त्रोत में लीकेज एवं पंपो की बदतर हालात की जिम्मेदार वर्तमान प्रदेश सरकार एवं पूर्व की नगर निगम है। यह आरोप नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने बुधवार को पंपिंग स्टेशन गुम्मा के निरीक्षण के दौरान लगाए। बुधवार को नगर निगम शिमला के महापौर एवं उपमहापौर की अगवाई में पार्षदों के दल ने पंपिंग स्टेशन गुम्मा का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। इस अवसर पर निरीक्षण दल ने पाया कि भंडारण एवं सेडीमेंटेशन टैंको में भारी लीकेज हो रहा है, जिस कारण पूरा पानी शिमला तक नहीं पहुंच रहा है। यही नही पानी उठाने वाले पंपो की हालत भी दयनीय है। पेयजल योजना में 16 पंपो में से महज चार पंप ही कार्य कर रहे है, जबकि 12 पंप खराब पड़े हैं। महापौर कुसुम सदरेट ने कहा कि पंपिंग स्टेशन गुम्मा का कार्यभार एक वर्ष से नगर निगम शिमला के अधीन है। हैरानी की बात है कि पूर्व की नगर निगम ने पंपो की हालत सुधारने एवं लीकेज को ठीक करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं ंउठाए। उन्होंने कहा कि 1921 में  बनी इस योजना लीकेज को बंद करने एवं पंपों की मरम्मत हेतु तुरंत करवाई अमल में लाई जाएगी। वरिष्ठ पार्षद शैलेंद्र चौहान ने कहा कि पंपिंग स्टेशन गुम्मा को हेरिटेज घोषित करने के लिए केंद्र सरकार से मामला उठाया जाएगा। निरीक्षण दल में कांग्रेस एवं माकपा के पार्षदों तथा निगम अधिकारियों को भी बुलाया गया था, पर वो नहीं आए। इस अवसर पर भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य प्रदीप ठाकुर ने निरीक्षण दल को आउटसोर्स कर्मियों एवं नियमित कर्मियों की समस्या से अवगत कराया। इस दौरान निरीक्षण दल ने सहायक अभियंता कार्यालय एवं कर्मचारियों के मकानों का निरीक्षण भी किया। इस मौके पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान मे गुम्मा से शिमला के लिए 14 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जा रही, जबकि इसकी क्षमता लगभग 20 एमएलडी पानी उपलब्ध  कराने की है। उन्होंने बताया कि पांच पंपो की मरम्मत के   लिए एस्टीमेट नगर निगम को भेजा गया है।

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