गूगल पर 270 करोड़ डालर जुर्माना

यूरोप के विश्वासघात नियामक यूरोपीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग ने अमरीकी कंपनी एल्फाबेट की सर्च इंजन इकाई गूगल पर 270 करोड़ डालर (करीब 17415 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया है। यह यूरोपीय संघ द्वारा विश्वासघात के मामले में किसी एक कंपनी पर लगाया गया अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है। यह जुर्माना उस पर चल रहे तीन में से एक मामले में लगाया गया है। गूगल पर आरोप है कि वह खोजों में अपनी शॉपिंग सेवाओं को प्राथमिकता देती है। यूरोपीय आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि गूगल 90 दिन के भीतर सर्च परिणामों में अपनी शॉपिंग सेवाओं को तरजीह देना बंद कर दे अन्यथा उस पर प्रति दिन के हिसाब से एल्फाबेट के औसत दैनिक वैश्विक कारोबार का पांच प्रतिशत अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा। मंगलवार के आदेश में उस पर एल्फाबेट के कारोबार का तीन प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है। इससे पहले सर्च में कदाचार के आरोप के कारण वर्ष 2013 में अमरीका में भी उस पर जुर्माना लगाया गया था। हालांकि, उस समय उसने बिना कोई जुर्माना अदा किए अपनी सर्च में मौजूद खामियों को दूर कर मामला सुलझा लिया था। यूरोपीय प्रतिस्पर्द्धा नियामक ने गूगल को अपने मोबाइल सिस्टम एंड्रायड का इस्तेमाल अपने प्रतिद्वंद्वियों को नुकसान पहुंचाने के लिए करने का दोषी भी पाया है। उस पर ऑनलाइन सर्च प्रायोजन में प्रतिद्वंद्वी कंपनियों की प्रचार सामग्रियों को ब्लॉक करने का भी आरोप है। गूगल ने इस फैसले से असहमति जताई है। उसने कहा कि उसके आंकड़े दिखाते हैं कि लोग वेबसाइट पर बार-बार सर्च करने की बजाय अपने पसंदीदा उत्पादों तक सीधे पहुंचाने वाले लिंक पसंद करते हैं। गूगल के अधिवक्ता ने एक बयान में कहा कि हम पूरे सम्मान के साथ मंगलवार को दिए गए आदेश से असहमति जताते हैं। हम अपील पर विचार कर रहे हैं और उससे पहले आयोग के फैसले की विस्तृत समीक्षा करेंगे।

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