गोरखालैंड की मांग – GJM परिसरों पर छापेमारी, पुलिस को 300-400 हथियार मिले, हिंसा भड़की

पश्चिम बंगाल – गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख बिमल गुरूंग से जुड़े कुछ परिसरों पर गुरुवार को छोपमारी के बाद प्रदर्शनकारियों और दंगा पुलिस ने एक-दूसरे पर पथराव किया और एक कार को आग लगा दी गयी। गुरूंग का अलगाववादी आंदोलन बेहद हिंसक रहा है। पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग पहाडि़यों को मिलाकर अलग गोरखालैंड के गठन की जीजेएम की मांग तेजी से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए राजनीतिक संकट का रूप ले रही है। इस संकट से पर्यटन के मुख्य मौसम, गर्मियों के दौरान इस व्यवसाय पर भी बहुत असर पड़ने वाला है। जीजेएम के महासिचव रोशन गिरि ने कहा, पहाड़ी में मौजूदा हालात राज्य सरकार के पैदा किये हुए हैं। वे पुलिस बल का प्रयोग करके हमें दबाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार को राजनीतिक समस्या सुलझानी चाहिए। दार्जिलिंग की धुंध भरी पहाड़ी सड़कों पर अर्द्धसैनिक बलों के साथ मौजूद जीजेएम के कार्यकर्ता दूर से ही पथराव कर रहे हैं। आपको बता दें गोरखा जनमुक्ति मोर्चा काफी लंबे वक्त से अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर आंदोलन कर रही है। जिसके लिए दार्जिलिंग में अनिश्चितकालीन बंद का आह्नवान किया गया है।  लेकिन पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार आंदोलनकारियों के सामने झुकने को तैयार नहीं है।

तीरों और विस्फोटकों सहित 300-400 हथियार बरामद

पुलिसकमर्यिों ने पास में एक कार को आग लगाए जाने के बाद जवाब में पथराव किया। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कार असैन्य नागरिक की है या पुलिस बल की। दिन में छापेमारी के दौरान पुलिस ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख बिमल गुरूंग से जुड़े कुछ परिसरों पर गुरुवार को छोपमारी कर तीरों और विस्फोटकों सहित वहां से 300-400 हथियार बरामद किए। इस छापेमारी और घटनाक्रम से नाराज अलगाववादी समूह ने दार्जिलिंग पहाडि़यों में अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है। पुलिस का कहना है कि दार्जिलिंग के सिंगमारी और पाटलेबास इलाकों में की गयी छापेमारी के दौरान कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं को भी गिरफतार किया गया।