जीएसटी…उद्योग मंद, अफसरों की छुट्टियां बंद

भ्रम फैला, नियमों-विसंगतियों के कारण उद्यामियों ने कम किया उत्पादन, इनपुट क्रेडिट को लेकर असमंजस

बीबीएन – जीएसटी के भ्रम से हिमाचल के उद्योग जगत का चक्का मंद पड़ गया है। हालात यह है कि प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन सहित अन्य क्षेत्रों के उद्योगों में उत्पादन थमने के हालात पैदा हो गए हैं। दरअसल जीएसटी के नियमों और विसंगतियों के कारण भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। सबसे ज्यादा इनपुट के्रडिट को लेकर भ्रम पैदा हुआ है। इसके चलते उद्यमियों ने अपनी इकाइयों में या तो उत्पादन कम कर दिया है या फिर उन्हें बड़ी कंपनियों ने नए आर्डर देने बंद कर दिए हैं।  कारोबारियों के बीच में ऐसा कहा जा रहा है कि पहली के बाद कोई इनपुट के्रडिट नहीं मिलेगा। रिटेलर, होलसेलर, डिस्ट्रीब्यूटर भी नया स्टाक नहीं रखना चाह रहे हैं। रिफंड के चक्कर में उलझे कारोबारियों ने उत्पादन इकाइयों का चक्का ही जाम कर दिया है। हिमाचल के उद्यमियों की चिंता का सबसे बड़ा सबब यह है कि वर्तमान में विशेष श्रेणी के तहत विशेष लाभ पाने वाले राज्यों के उद्योगों को किस प्रकार से जीएसटी के तहत डील किया जाएगा, क्योंकि वर्तमान में जीएसटी इन क्षेत्रों को लेकर कैसे छूट प्रदान करेगा, इसको लेकर कोई स्पष्ट रुख नहीं है। इसके अलावा रजिस्ट्रेशन तथा माइग्रेशन इनपुट टैक्स के्रडिट तथा ट्रांजिशनल प्रोविजन पर भी स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। बद्दी स्थित प्लास्टिक उद्योग के मालिक पीआर चौधरी का कहना है कि उत्पादन में 50 फीसदी गिरावट आई है। होम एप्लियांसिस के जीएम जेएस कंग कहते हैं कि पिछले दो महीनों से कारोबारियों की तरफ से आर्डर नहीं आ रहे हैं। सीआईआई के पूर्व अध्यक्ष अरुण रावत ने कहा कि अभी ज्यादा रूल्ज क्लीयर नहीं हैं। सीआईआई हिमाचल चैप्टर के अध्यक्ष राजेश साबु ने बताया कि परिसंघ सबंधित विभागों के अधिकारियों को साथ लेकर जीएसटी पर वर्कशॉप का आयोजन कर रही है, ताकि उद्यमियों का भ्रम दूर किया जा सके।

कामगारों की होने लगी छंटनी

उद्योगों में जीएसटी के टैक्स की मार केवल उद्योगों के लिए ही नहीं, बल्कि कामगारों के रोजगार पर भी पड़नी शुरू हो गई है। उद्योगों में उत्पादन कम होने के चलते बीबीएन क्षेत्र में कामगारों की भारी छंटनी होने लग पड़ी है। कांट्रैक्ट लेबर पर 50 फीसदी से भी ज्यादा कटौती क्षेत्र के कई बड़े उद्योगों ने करनी शुरू कर दी है। अस्थायी लेबर ने काम न मिलने के चलते घर वापसी भी शुरू कर दी है।

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