डिपो संचालक समिति बनते ही विवादों में

पूरे प्रदेश के डिपो होल्डरों को विश्वास में न लेने का आरोप, दोबारा चुनाव को आवाज बुलंद

मटौर –  प्रदेश के डिपो होल्डरों की समस्याओं के समाधान और उन्हें एक मंच पर एकत्रित करने के लिए गठित की गई प्रदेश डिपो संचालक समिति बनते ही विवादों में आ गई है। समिति के खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि समिति का गठन पूरे प्रदेश के डिपो होल्डरों को विश्वास में लिए बिना कर दिया गया। प्रदेश में पांच हजार से ज्यादा डिपो होल्डर हैं। इनमें से हर जिला से मात्र एक-एक डिपो होल्डर से संपर्क कर चुनाव करवा दिया गया, जबकि सभी को विश्वास में लिया जाना चाहिए था। इसलिए इसे भंग किया जाए। साथ ही चेतावनी दी जा रही है कि अगर समिति को भंग कर दोबारा चुनाव न करवाए गए तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। उधर, डिपो संचालक समिति के सदस्यों का कहना है कि समिति का गठन सबको विश्वास में लेकर किया गया है। सभी जिलों से संपर्क किया गया है और सबकी सहमति से डिपो संचालक समिति के सदस्यों का चुनाव किया गया है। समिति के प्रधान कुल्लू से जगदीश शर्मा, उपप्रधान हमीरपुर जिला से अशोक कवि और सचिव मंडी जिला से रमेश को बनाया गया है। इसी तरह दूसरे सदस्य भी अलग-अलग जिलों से चुने गए हैं। सूत्र बताते हैं कि लगभग पांच-छह माह पूर्व डिपो होल्डर संचालक समिति के गठन का प्रारूप तैयार किया गया था। उस वक्त यह सहमति बनी थी कि जिला  एसोसिएशन के प्रधान अपने-अपने जिले के डिपो होल्डरों से मंत्रणा करेंगे और उसके बाद जब चुनाव होगा तो हर जिला से तीन या चार लोग चुनाव में जाएंगे। उसके बाद इलेक्शन करवाकर या सर्वसम्मति से समिति सदस्यों का चयन किया जाएगा। बताते चलें कि प्रदेश के डिपो होल्डरों की समस्याओं को देखते हुए उन्हें संगठित करने के लिए प्रदेश में पहली बार प्रदेश स्तरीय समिति बनाई जा रही है। उधर, हर्ष ओबराय अध्यक्ष डिपो होल्डर एसोसिएशन धर्मशाला ने बताया कि जो डिपो होल्डर की समिति बनाई गई है, इसमें पूरी तरह से नियमों का उल्लंघन हुआ है। कुछ लोगों ने अपने निजी फायदे के लिए प्रदेश के चंद डिपो होल्डर्ज को बुलाकर गुपचुप तरीके से चुनाव करवा लिए। चुनावों का पूरी तरह से विरोध किया जाएगा। यदि इस समिति को भंग कर सभी को विश्वास में लेकर दोबारा चुनाव न करवाए गए तो आंदोलन किया जाएगा और हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा