ददाहू अड्डा घोंट रहा बसों का दम

ददाहू, श्रीरेणुकाजी  —  रेणुकाजी तीर्थ के प्रवेश द्वार कस्बा ददाहू के बस अड्डे के लिए चयनित भूमि के बाद भी बस अड्डा प्राधिकरण की टीम ने स्थल का दौरा कर व्यवहारिकता का जायजा नहीं लिया है। बस अड्डा ददाहू के नवनिर्माण की घोषणा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 2013 में अंतरराष्ट्रीय रेणुकाजी मेले में रेणु मंच से की थी। वहीं वर्तमान बस अड्डे के खस्ताहाल भवन और कैंपस को भी प्रशासन द्वारा गठित कमेटी ने अनसेफ घोषित किया है, मगर चार वर्षों का समय बीत जाने के बाद भी 50 के दशक के खस्ताहालत बस अड्डे के लिए उचित जगह तक भी फाइनल नहीं हो सकी। वहीं अब तहसील ददाहू के पास राजस्व विभाग की चार बीघा भूमि को चयनित कर तहसीलदार ददाहू ने मसौदा भेजा है, मगर इस प्रक्रिया के बाद भी बस अड्डा प्रबंधन ने अभी तक साइट का अवलोकन नहीं किया है जिसके चलते बस अड्डा ददाहू का भूमि चयन का मामला लटका हुआ है। तहसीलदार ददाहू चेतन चौहान ने बताया कि बस अड्डा ददाहू के लिए चार बीघा सात बिस्वा भूमि राजस्व विभाग की तहसील ददाहू के पास देखकर कागजात भेज दिए हैं। वहीं आरएम नाहन परिवहन निगम संजीव बिष्ट का कहना है कि देखी गई भूमि के दस्तावेज उच्चाधिकारियों को भेजे गए हैं जिसके बाद टीम साइट का दौरा करेगी, मगर इस कवायद के कई माह बाद भी टीम ने दौरा न कर जगह फाइनल नहीं की है। नवनिर्माण तो दिल्ली दूर है वाली कहावत है। 50 के दशक के बस अड्डा ददाहू मात्र 16 बिस्वा भूमि पर रह गया है। बस अड्डे पर मात्र चार बसों को खड़ा करने का भी पर्याप्त स्थान नहीं है, जबकि रोजाना 65 से अधिक बसें यहां से आवागमन करती हैं। बाजार के बीच बस अड्डा दिनोंदिन जाम की समस्या विकराल कर रहा है। बस अड्डा ददाहू बस अड्डा कैंपस गड्ढों स भरा है जिस पर 20 वर्षों से टायरिंग नहीं हुई है। बस अड्डा ददाहू सुप्रसिद्ध तीर्थस्थल श्रीरेणुकाजी व हिल स्टेशन हरिपुरधार का प्रवेश मार्ग है। प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं, मगर खस्ताहाल, तंगहाल तथा गंदगी से भरे अड्डे को देखकर विकास का आकलन करते हैं।

विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं? निःशुल्क रजिस्टर करें !