प्रवासी कामगारों के लिए बनेंगे आशियाने

बीबीएन विकास प्राधिकरण ने सस्ते-सुरक्षित आवास मुहैया करवाने को शुरू की कसरत

बीबीएन – औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में आशियाने की दिक्कत से जूझ रहे प्रवासी कामगारों की सहूलियत के लिए बीबीएन विकास प्राधिकरण बड़ी पहल करने जा रहा है। दरअसल प्राधिकरण प्रवासी कामगारों को सिर ढकने के लिए छत यानी सस्ते व हर लिहाज से सुरक्षित आवास मुहैया करवाने की योजना पर काम कर रहा है। इसके तहत प्रथम चरण में दस करोड़ की लागत से एक हजार आवास निर्मित करने का प्रस्ताव है। दस करोड़ की इस परियोजना के लिए बद्दी के मोरपेन रोड पर 65 बीघा भूमि भी चिन्हित की गई। फिलवक्त बीबीएनडीए के सीईओ ने इस संबंध में राज्य सरकार को एक प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए भेजा है। यहां उल्लेखनीय है कि ट्राइसिटी बीबीएन झुग्गी-झोंपडि़यों के शहर में तबदील होती जा रही है। भूमि सरकारी हो या निजी झुग्गी-झोंपडि़यों का यह फैलाव एक जैसा ही नजर आता है। यही नहीं, औद्योगिक नगरी में निजी भूमि को किराए पर देकर असुरक्षित ढंग से झुग्गी-झोपडि़यां बसाने का क्रम भी बेरोकटोक से जारी है। प्रशासन निजी भूमि पर बसाई जा ही इन बस्तियों के बाबत सब कुछ जानते हुए ही बेखबर बना हुआ है। तमाम कायदे-कानूनों को धत्ता बताते हुए बीबीएन में बस रही ये झुग्गी-झोपडि़यां अकसर दीवार गिरने, भारी बारिश, आगजनी जैसे हादसों के वक्त विकराल रूप धारण करती हैं। हालात ये रहे हैं कि बीबीएन के कुछेक उद्योगों को छोड़कर बाकी उद्योगों द्वारा कामगारों को रिहायशी सुविधाएं नहीं दी जातीं। इसी वजह से इन्हें झोंपडि़यों में जान जोखिम में डालकर गुजर-बसर करना पड़ रहा है। हाल ही में बद्दी के सुराजमाजरा गुज्जरां में हुआ हादसा भी प्रवासी कामगारों की असुरिक्षत रिहायशी इंतजाम का ही एक उदाहरण है। बहरहाल आवासों के लिए निर्माण जहां लॉ-कास्ट हाउसिंग मॉडल के तहत ही करने का प्रस्ताव है, वहीं तमाम मूलभूत सुविधाओं से संपन्न इन आवासों को सस्ती दरों पर कामगारों को देने की भी योजना है। बीबीएनडीए के सीईओ आदित्य नेगी ने बताया कि प्राधिकरण बद्दी के पास प्रवासी कामगारों के लिए एक हजार सस्ते मकान बनाने की योजना पर काम कर रहा है।

बीबीएन में 20 हजार झुग्गियां

बीबीएन में 70 से ज्यादा बस्तियां चिन्हित की गई हैं। इनमें 20 हजार से ज्यादा झुग्गी-झोंपडि़यां स्थापित हैं। इनमें लाखों मेहनतकश, उद्योगों की रीढ़ कहे जाने वाले प्रवासी कामगार जीवनयापन कर रहे हैं।

लो-कॉस्ट हाउस स्कीम को नहीं दिखाई रुचि

बीबीएन प्राधिकरण ने गत साल झुग्ग्यों के मेक ओवर के लिए लो-कॉस्ट हाउस मॉडल स्कीम शुरू कर रखी है। इसमें निजी भूमि मालिक अपनी भूमि पर झुग्गी-झोंपडि़यों की जगह सुरक्षित व सस्ते मकानों का निर्माण कर प्रवासियों को मुहैया करवाएंगे, लेकिन प्राधिकरण की इस योजना के लिए स्थानीय लोगों ने ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया।

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