बंधे हाथ खोलो, दुश्मन को कर देंगे साफ

हमीरपुर —  भुक्कड़ गांव के रिटायर्ड सूबेदार सुरेंद्र शर्मा दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के पक्ष में हैं। जब भी देश की सीमा पर दुश्मन हमला करता है, तो उनका खून खौल उठता है, वहीं मन दोबारा बार्डर पर ड्यूटी देने के लिए करता है, जो कि दुश्मन देश को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। आए दिन हो रही आतंकवादी घटनाओं से वह काफी आहत हैं।   जब भी किसी सैनिक के शहीद होने की खबर मिलती है, तो दुश्मनों को जवाब देने का मन करता है, लेकिन सेवानिवत्त होने के चलते मजबूरियां सामने आती हैं, लेकिन यदि देश की सरहदों पर दोबारा उन्हें ड्यूटी देने का मौका मिलता है, तो वह कभी भी पीछे हटने वाले नहीं है। देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपना पूरा जीवन व्यतीत कर चुके सुरेंद्र शर्मा आज भी देश की रक्षा के लिए प्राण न्यौछावर करने को तैयार हैं। इसके अलावा वह सरकार की ओर से भी दुश्मन देश को मुंहतोड़ जवाब देने के पक्ष में हैं, ताकि भविष्य में अन्य कोई देश सीमाओं पर नजर उठा कर नहीं देख सके। सरकार की ओर से इस बारे में कोई उचित कदम नहीं उठाए जाने के चलते वह मायूस हो जाते हैं। केंद्र सरकार से उन्हें उम्मीद है कि जो दुश्मन देश हमारे देश में आतंकवाद फैलाने और आतंकवाद को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें जल्द ही मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा, फिर भारतीय सेना को सरकार की ओर से खुला हाथ दिया जाए। सैनिकों पर हुई पत्थरबाजी पर अपने विचार साझा करते हुए सेवानिवृत्त सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि जब भी आतंकवादी हमले में देश के किसी सैनिक के शहीद होने की सूचना मिलती है, तो उनका खून खौल उठता है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की बर्बरता से उन्हें उन्हीं की तर्ज पर जवाब देना चाहिए। सेवानिवृत्त सैनिक का कहना है कि वह जम्मू एंड कश्मीर में तैनात रहे। उन्होंने कई आतंकवादियों को मौत के घाट उतार देश की रक्षा की। उन्होंने कहा कि कश्मीर के कई स्थानीय लोग भी आतंकवादियों की मदद करते हैं। आज भी यह सिलसिला जारी है, जबकि कश्मीरियों की तो भारतीय सेना की मदद करनी चाहिए। सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि आतंकवादियों पर किसी भी प्रकार की नरमी नहीं दिखानी चाहिए। भारतीय सेना को खुली छूट देनी चाहिए, ताकि इन आतंकवादियों का सफाया हो सके।

यह उम्मीद है सरकार से

सरकार चाहे तो कुछ भी कर सकती है। पिद्दी भर देश हमारी सीमा में घुसकर सैनिकों के सिर कलम कर देता है और हम शांति की अपील करते रह जाते हैं। अब सरकार को आर-पार की लड़ाई लड़नी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय दबाव को भूल जाओ, पाकिस्तान को घर में घुसकर मारो। इसके लिए सरकार को फौज को फ्री हैंड दे देना चाहिए। दस दिन में दुनिया के नक्शे से यह आतंकी मुल्ख गायब हो जाएगा और अमन-चैन बहाल होगा। न किसी का बेटा शहीद होगा, न किसी की असमय मांग उजड़ेगी, न किसी बच्चे के सिर से बाप का साया उठेगा। आतंकियों की जब नर्सरी ही खत्म हो जाएगी, तो विश्व भी दहशतगर्दी से मुफ्त हो जाएगा।