बख्शे न जाएं दोषी

प्रदेश सरकार के डीजीपी को निर्देश, सभी आरोपियों पर करें कड़ी कार्रवाई 

शिमला — सरकार ने करसोग क्षेत्र में वनरक्षक की मौत के लिए जिम्मेदार दोषियों पर सख्ती कार्रवाईर् के निर्देश दिए हैं। सरकार ने इस बारे में डीजीपी को लिखित आदेश दिए हैं।  अभी तक की जांच में सामने आया है कि वनरक्षक की जहर निगलने से मौत हुई है। बिसरा रिपोर्ट में भी जहर की पुष्टि हो चुकी है। ऐसे में सरकार ने उन लोगों पर कार्रवाई करने कहा है,जो कि उसकी मौत के लिए जिम्मेदार है। वन रक्षक के बिसरे की जांच में क्लोरोपाइराइफस और साइपर मैथराइन नामक जहरीले पदार्थ की पुष्टि हुई है। ये जहरीले पदार्थ खेती में इस्तेमाल किया जाते हैं और ये खुले आम बिकते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि वन रक्षक ने आत्महत्या की है । सरकार की ओर से डीजीपी को दिए गए लिखित आदेश में कहा गया है कि इस मामले की पूरी व विस्तृत जांच की जाए, ताकि यह पता चल सके कि इसमें और भी कोई लोग शामिल तो नहीं थे।  वहीं , अभी सीआईडी इस पहलू को देख रही है कि यदि वन रक्षक ने जहर निगला है तो वह जहर खाने के बाद पेड़ पर कैसे चढ़ गया है। वहीं वनरक्षक की मौत के संबंध में मिले  सुसाइड नोट्स की जांच की जा रही है। पुलिस को वन रक्षक के शव के साथ एक बैग मिला था,जिसमें एक सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उसने कतांडा वन क्षेत्र में पेड़ों के कटान होने का जिक्र किया है। इसके अलावा उन लोगों का भी जिक्र किया है, जो  कटान में शामिल थे। इनमें एक वन खंड अधिकारी(बीओ) सहित छह लोग शामिल हैं, जिनको पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। सुसाइड नोट में लिखावट का मिलान किया जा रहा है। इसके बाद आगे की जांच बढ़ेगी ।

बीओ की जमानत याचिका पर 27 को होगी सुनवाई

इस मामले में गिरफ्तार बीओ द्वारा मंडी की एक अदालत में जमानत याचिका लगाई थी। अदालत   याचिका पर 27 जून को सुनवाई करेगी।  उल्लेखनीय है कि वन रक्षक होशियार सिंह का शव नौ जून को कतांडा के वनक्षेत्र में पेड़ पर उलटा लटका मिला था।

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