भाजपा में लगेगी नौजवानों की लॉटरी

By: Jun 26th, 2017 12:18 am

newsहिमाचल भाजपा को सत्ता के करीब खड़ा करने की मशक्कत में जुटे ऊर्जावान अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती के लिए राजनीतिक शुचिता अहम है। वह पार्टी के चारित्रिक उत्थान की मशाल थाम कर यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि सियासी चकाचौंध में ईमानदार कार्यकर्ता कहीं पीछे न रह जाए। शिमला नगर निगम चुनाव में सफलता के तराजू पर वह आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति तौल रहे हैं, तो पूरे प्रदेश की व्यूहरचना में अपने सामर्थ्य और संतुलन की छाप भी छोड़ रहे हैं। भाजपा के वार रूम के बाहर पार्टी प्रदेशाध्यक्ष ने ‘दिव्य हिमाचल’ कक्ष में अपनी साफगोई का परिचय देते हुए जैसे डेस्क प्रभारी संजय अवस्थी, मुख्य उपसंपादक अनिल अग्निहोत्री व ओंकार सिंह को बताया…

आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर हिमाचल भाजपा बहुत सरगर्म दिख रही है। क्या यह घबराहट है?

सत्ती : घबराहट नहीं, उत्साह कहिए। पार्टी तय रूपरेखा के अनुसार जनता से संपर्क बढ़ा रही है और हमें लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। हम मार्च से तैयारी में जुटे हुए हैं। हालांकि इसी बीच अन्य कार्यक्रम भी चालू रहे, पर हमने अपना ध्यान बंटने नहीं दिया।

शिमला नगर निगम चुनाव में प्रदर्शन से कितने संतुष्ट हैं?

सत्ती : हम जीते हैं, लिहाजा पूरी संतुष्टि है। प्रदेश सरकार तो चुनाव करवाने के मूड में ही नहीं थी, इसलिए हमें कोर्ट जाना पड़ा। कांग्रेस मोदी की रैली से घबराई थी। हमारी जीत हुई। उनकी पार्टी के लोग टूट कर भाजपा में आए, कांग्रेस व सरकार के प्रयास विफल किए। अंततः नगर निगम हमारा हुआ।

आपको क्या लगता है, विधानसभा चुनावों की घोषणा कब तक होगी? आपकी तैयारी कैसी है?

सत्ती : चुनाव चाहे मानसून के तुरंत बाद हों या दिसंबर में हिमाचल भाजपा पूरी तरह तैयार है। मानसून में पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाकर मतदाताओं को पत्रक बांटेंगे। दलित समुदाय से बैठकें कर उनकी समस्याएं समझी जाएंगी। हजारों नए सदस्य इस बार जुड़े हैं। प्रत्येक व्यक्ति से संपर्क किया जा रहा है।

चुनावों के लिए टिकट बांटने का क्या आधार रहेगा?

सत्ती : कर्मठता, सेवा भावना और छवि परंपरागत रूप से उम्मीदवारी का आधार होती है। जीतने की संभावना भी मायने रखती है। बेशक नए चेहरे आएंगे, मगर परफार्मेंस ऑफ पॉलिटिक्स का भी विशेष ध्यान रख जाएगा। सियासत में ऐसे धनाढ्यों का दखल पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी जो तथाकथित सेवा के बदले सिर्फ टिकट की चाहत रखते हों। कर्मठ तथा नौजवान चेहरे प्राथमिकता रहेंगे।

प्रदेश के कई युवा भाजपा नेता टिकट पाने को उत्साहित हैं। इस संबंध में कोई फार्मूला बनाया गया है?

सत्ती : भाजपा हमेशा युवा प्रतिभाओं को मौका देती आई है। इस बार भी युवा उम्मीदवार मैदान में उतारे जाएंगे। हमारे पास बड़े व दिग्गज नेता हैं। मंथन जारी है। अबकी बार कांगड़ा भी हमारा होगा और जीत भी अपनी होगी।

पिछली मर्तबा कांगड़ा की हार ने भाजपा का मिशन रिपीट सफल नहीं होने दिया था। इस बार जिला को लेकर क्या नीति रहेगी?

सत्ती : हिमाचल की राजनीति में कांगड़ा जिला का अहम स्थान है। पार्टी यह बात बखूबी जानती है। इसलिए विस्तृत मंथन के बाद सर्वसम्मति से उम्मीदवार तय किए जाएंगे। बेशक टिकट आबंटन और रणनीति दोनों ही मायने रखते हैं, जो भी कमजोरियां रही हैं, उन पर मंथन किया जाएगा।

कांग्रेस का कहना है कि भाजपा महज आरोपों की सियासत कर जनता को बरगला रही है, जबकि हिमाचल में सब ठीक है। आपकी राय?

सत्ती : कांग्रेस जानती है कि उसके कुशासन के दिन लद चुके हैं, इसलिए लोगों का ध्यान बंटाना चाहती है। मेडिकल कालेज खोलने को फैकल्टी नहीं, कालेजों में शिक्षक नहीं, रूसा के रिजल्ट चार-चार सेमेस्टर बाद लटके रहते हैं। अपराध का बोलबाला है। जनता सब समझती है। अभी तीन दर्जन से ज्यादा औद्योगिक प्लाट खाली हैं। कांगे्रस के उद्योग मंत्री पंडोगा में उद्योग बसाने जा रहे हैं, यह सरासर मजाक है, पुराने उद्योग उजड़ रहे हैं, पहले कांग्रेस उन्हें तो संभाले।

अनुशासनहीनता पर बाहर किए गए नेताओं की घर वापसी होगी?

सत्ती : काफी लोग वापस लिए गए हैं, बाकियों पर भी विचार जारी है। काडर जितना मजबूत होगा उतना ही फायदा होगा।

दूसरी पार्टी के नेताओं के लिए भी क्या भाजपा चुनावों से पहले अपने दरवाजे खोलेगी?

सत्ती : भाजपा की नीतियों से प्रभावित होकर अगर स्वच्छ छवि वाले नेता हमारे परिवार में बिना शर्त शामिल होना चाहेंगे तो विचार किया जा सकता है। मैं फिर कहता हूं कि जैसे हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश हैं कि परफार्मेंस की रणनीति होनी चाहिए। हमारे पास सभी का पुराना रिपोर्ट कार्ड है, देखते हैं शीर्ष नेतृत्व के पैमाने पर कौन खरा उतरेगा।

विधानसभा चुनावों के लिए टिकट तय करने की दिशा में कुछ प्रगति हुई है क्या?

सत्ती : भाजपा अपने उम्मीदवारों को जनता के बीच अपना पक्ष रखने का समुचित समय देना चाहती है। इस संबंध में कुछ चर्चा हुई है।

हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ पार्टी नेताओं से कैसा सहयोग मिल रहा है?

सत्ती : प्रदेश के तीनों वरिष्ठतम नेतागण हरसंभव योगदान देकर पार्टी को मजबूत बना रहे हैं। उनके सहयोग का ही प्रतिफल है कि भाजपा को प्रदेश भर में व्यापक स्नेह हासिल हो रहा है।

अब आखिरी और प्रदेश भर में सबसे अधिक पूछा जा रहा सवाल, मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा?

सत्ती : मुख्यमंत्री पद का दायित्व किसे सौंपा जाए, यह निर्णय केंद्रीय नेतृत्व लेगा। इतना तय है कि पार्टी के कर्मठ व निष्ठावान सिपाही को ही यह बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। फिलहाल, पार्टी इस चिंता से मुक्त होकर कांग्रेस को हिमाचल की सत्ता से बेदखल करने में जुटी है।

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