रैगिंग करने पर हो सकती है तीन साल की जेल, जुर्माना

 ज्वालामुखी —  राजकीय महाविद्यालय ज्वालामुखी में बुधवार को विधिक साक्षरता प्राधिकरण के तत्त्वावधान में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि एडवोकेट अभिषेक पाधा ने शिरकत की। उनके पंहुचने पर कालेज के छात्र-छात्राओं और एंटी रैंगिग कमेटी ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षण संस्थानों में रैगिंग एक बहुत बड़े कुरीति के रूप में उभरा हुआ विषय था और इसे कानून के माध्यम से रोका गया है,  ताकि आने वाली छात्रों की पीढ़ी इसके दुष्परिणामों से बची रहे। 2009 में रैगिंग के खिलाफ कानून बना और इसमें शिक्षण संस्थान के मुखिया की भी जिम्मेदारी निश्चित की गई कालेजों में प्रवेश के समय रैगिंग के विषय में छात्रों का और उनके अभिभावकों का हलफनामा भी लिया जाता है, ताकि छात्रों में जिम्मेदारी का बोध बना रहे। एडवोकेट अभिषेक पाधा ने कहा कि रैगिंग के दोषी पाए जाने वाले छात्र को रैगिंग विरोधी कानून 2009 के अंतर्गत तीन साल तक का कारावास या 50000 तक का जुर्माना हो सकता है और रैगिंग की शिकायत मिलने पर कार्रवाई न करने पर शिक्षण संस्थान के मुखिया को भी जुर्माना या कारावास का प्रारंभ प्रावधान है।

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