शादी पर सवाल करने वाले मुझे पसंद नहीं

एक्ट्रेस कृति खरबंदा अपनी दूसरी हिंदी फिल्म ‘गेस्ट इन लंदन’ में एक अनचाहे मेहमान से छुटकारा पाने की जुगत भिड़ाती नजर आने वाली हैं। रियल लाइफ में भी कृति को उनकी शादी को लेकर सवाल करने मेहमान नापसंद हैं। ऐसे मेहमानों को वह घर से चलता कर देना ही ठीक समझती हैं। हाल ही में कृति ने हमसे की यह खास बातचीत…

‘गेस्ट इन लंदन’ में आप एक बिन बुलाए मेहमान को झेलती हैं। रियल लाइफ में ऐसा कोई मेहमान था, जिसे घर से भगाने का आपका मन किया हो?

हां, वह होते हैं न दूर के रिश्तेदार टाइप। दादा जी के कजिन और पता नहीं कौन-कौन। अकसर पटियाला से मेरे दादा के कोई रिश्तेदार आ जाते थे बंगलूर, तो मुझे अपना कमरा उन्हें देना पड़ता था या किसी के साथ शेयर करना पड़ता था, जो मुझे बिलकुल पसंद नहीं था। फिर जब मैं 22-23 साल की हुई और मैंने एक्टिंग में कदम रखा, तो जो भी आता था वह यही पूछता था कि शादी कब करोगी बेटा, शादी कब करोगी। इस सिरदर्दी वाले सवाल से मैं परेशान हो गई हूं। मुझे इसी वजह से मेहमान बिलकुल नहीं पसंद आते हैं। जिसको देखो, वह मेरी शादी कराने पर तुला हुआ है। मत कराओ यार, मैं खुद ही कर लूंगी, जब करनी होगी। एकाध को तो मैंने पलटकर ऐसा जवाब दिया कि वह चुप ही हो गए।

मीडिया में भी एक्ट्रेस से शादी को लेकर सवाल अकसर पूछे जाते हैं?

हां, वह तो फेवरिट सवाल होता है कि डेट किसे कर रही हैं। फिर शादी कब करेंगी और जब शादी हो गई, तो बच्चा कब पैदा करेंगी। जैसे सारी फैमिली प्लानिंग दुनिया को बताकर करनी होगी। यकीन मानिए, जब यह पेपर में छपता है न, तो बहुत अजीब लगता है। ऐसा लगता है कि सबने मुझे अडॉप्ट कर लिया है और सबको मेरी शादी की पड़ी हुई है। मुझे शादी से कोई दिक्कत नहीं है। कर लूंगी शादी जब करनी होगी, लेकिन अभी मैं सिर्फ 26 साल की हूं और अभी शादी नहीं करना चाहती।

एक्टिंग में आपके सफर की शुरुआत कैसे हुई?

मैं बचपन से ही मॉडलिंग कर रही थी। मैंने काफी ऐड किए हैं। मेरी एक होर्डिंग किसी तेलुगू डायरेक्टर ने देखी और उन्होंने मुझे फिल्म के लिए बुलाया और पहली ही मीटिंग में सब तय हो गया। मुझे सोचने का मौका ही नहीं मिला। वैसे, मुझे पॉजिटिव ड्रामा बहुत पसंद है। मुझे हर चीज लार्जर देन लाइफ अच्छी लगती है, इसलिए एक्टिंग मुझे बेस्ट करियर ऑप्शन लगा।

कोई ऐसा शख्स है, जिसे आप अपने घर का मेहमान बनाना चाहेंगी या उसकी मेहमान बनना चाहेंगी?

हालीवुड स्टार रायन गॉसलिंग। उनको मेहमान बनाने या उनका मेहमान बनने के लिए मैं खुशी-खुशी तैयार हूं।

आपने साउथ में काफी फिल्में की हैं। हिंदी में यह आपकी दूसरी फिल्म है। दोनों इंडस्ट्री में कुछ फर्क लगा आपको?

मुझे तो दोनों में कोई अंतर नहीं दिखा। यह लोगों पर डिपेंड करता है कि वह मुझे कैसे देखते हैं। वैसे मुझे यह भेदभाव पसंद ही नहीं है कि एक्टर साउथ इंडियन फिल्म या बालीवुड या टालीवुड या कालीवुड से है। हम कलाकार जब बाहर जाते हैं, तो कोई यह नहीं पूछता कि तेलुगू पिक्चर की है या हिंदी पिक्चर की है। वे हमें इंडियन फिल्म एक्टर के तौर पर पहचानते हैं। फिर हम खुद यह भेदभाव क्यों करते हैं, मुझे तो यह समझ नहीं आता। हमें रंगभेद करने पर एतराज है, लेकिन ऐसे भेदभाव पर नहीं, यह बड़ी हैरत की बात है।

कोई ऐसी लार्जर देन लाइफ फिल्म है, जो आप करना चाहेंगी?

मुझे एपिक फिल्म करनी है। मैं ‘जोधा अकबर’ जैसी फिल्म करना चाहती हूं, क्योंकि मुझे जोधा का किरदार बहुत पसंद है।

एपिक के अलावा किसी की बायोपिक भी करना चाहेंगी?

मैं टेनिस प्लेयर स्टेफी ग्राफ की बायोपिक करना चाहती हूं। उनकी वजह से ही मैंने टेनिस खेलना शुरू किया था। वह बहुत ही क्यूट-सी स्कर्ट पहनती थीं और मुझे भी वैसी ही स्कर्ट पहननी थी। यह अलग बात है कि मॉम ने मुझे वैसी स्कर्ट नहीं पहनने दी, क्योंकि वह बहुत छोटी होती थीं।

जैसे आपकी मॉम ने आपको छोटी स्कर्ट नहीं पहनने दी। अब भी लड़कियों की छोटी स्कर्ट पर काफी सवाल उठते रहते हैं। इस बारे में आपकी क्या राय है?

जो लोग आपके कपड़ों से आपका किरदार जज करते हैं, उन्हें शर्म आनी चाहिए। आप लड़कियों को बोलते हो कि ऐसे कपड़े मत पहनो, आप अपने लड़कों को बोलो न कि ऐसे मत देखो लड़कियों को, औरतों को रिस्पेक्ट दो। ऐसी हरकतें वही लोग करते हैं, जिन्होंने अपने आसपास यह सब होते देखा होता है। मैं अगर बीच पर जाऊंगी, तो बिकिनी ही पहनूंगी न। तुम अगर मुझे गंदी नजर से देखोगे, तो मैं तुम्हें दो लगा दूंगी।

आप ‘गेस्ट इन लंदन’ की मेजबान कैसे बनीं, मतलब यह फिल्म आपको कैसे मिली?

किस्मत की बात है। मेरी पिछली हिंदी फिल्म ‘राज रीबूट’ की रिलीज के हफ्ते भर बाद हमारी इस फिल्म ‘गेस्ट इन लंदन’ के डायरेक्टर अश्विनी धीर सर मुझसे मिलने आए थे, कहानी वगैरह डिस्कस करने के लिए। उसी दौरान उन्होंने मुझसे पूछा, और बेटा! क्या चल रहा है। तो मैंने तपाक से उनसे कह दिया, कुछ नहीं सर! आजकल तो फॉग चल रहा है। बस, इसके बाद वहां दो मिनट के लिए सन्नाटा सा छा गया कि मानों यह क्या हो गया यहां अभी-अभी। उन्होंने थोड़ी देर मेरी तरफ देखा और फिर कहा कि यही मेरी फिल्म की हीरोइन है।

भारत मैट्रीमोनी पर अपना सही संगी चुनें – निःशुल्क रजिस्टर करें !