शिक्षा उपनिदेशक का घेराव

कुल्लू – जिला में शिक्षा की अव्यवस्था पर लोग उग्र हो गए हैं। स्कूलों में शिक्षक न होने से शिक्षा का ढांचा लगातार बिगड़ता जा रहा है। अभिभावक बार-बार स्कूलों के लिए शिक्षक भेजने की मांग कर रहे हैं, परंतु सरकार और शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते उन्हें बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी हुई है। इस संदर्भ में गुरुवार को कुल्लू सदर के विधायक महेश्वर सिंह के नेतृत्व में लगघाटी, मणिकर्ण घाटी, खराहल घाटी के अलावा अन्य कई जगहों की जनता, पंचायत प्रतिनिधियों और भाजपा के कार्यकर्ताओं ने प्रारंभिक शिक्षा विभाग कुल्लू का घेराव किया। यही नहीं इस दौरान जो मांगें पूर्व में एसएमसी, विधायक और लोगों ने विभाग के समक्ष रखी थीं, वे मांगे पूरी नहीं होने पर मांग पत्रों की फाइल भी प्रारंभिक शिक्षा विभाग के कार्यालय के आगे जलाई गई। उसके बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उपनिदेशक के कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान चेतावनी भी दी कि यदि एक हफ्ते के भीतर मांगें पूरी नहीं हुई तो शिक्षा विभाग कुल्लू के खिलाफ ढालपुर में प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद भी मांगें सिरे नहीं चढ़ी तो शिमला जाकर निदेशालय का घेराव करने से गुरेज नहीं करेंगे।

इन मुद्दों को लेकर घेरे अधिकारी

प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक से पहला सवाल यह किया गया कि डेपुटेशन पर अध्यापक क्यों भेजे जा रहे हैं, जबकि सरकार से इसे बंद कर दिया है। वहीं, दूसरा यह मुद्दा उठा कि जिन अध्यापकों की शिकायतें जनता बार-बार कर रही है, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। दोघरी स्कूल में चार अध्यापक नहीं हैं।  इसके अलावा ग्रामंग, खलाड़ा, सराच, कावा, तेलंग, रशोल, पुंथल, नगोठी, डिंगडिंगी, रशोल, लोट स्कूल में अध्यापक न होने व हाल ही में स्तरोन्नतर छैंउर और चताणी स्कूल में शिक्षकों की कमी पर सवाल उठाए गए।

तेलंग में बारी से आते हैं शिक्षक

विधायक महेश्वर सिंह और उनके साथ आई जनता का कहना था कि लगघाटी के तेलंग स्कूल में दो अध्यापक शिक्षा विभाग ने तैनात किए हैं। यहां के अध्यापक 15-15 दिनों की बारी लगाते हैं। 15 दिन एक अध्यापक स्कूल में तैनात रहता है और दूसरा अध्यापक छुट्टी करता है। विधायक का कहना है कि गत वर्ष इस स्कूल में 15 बच्चे थे, लेकिन मौजूदा समय में मात्र छह बच्चे यहां पर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

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