सीएसआईआर-आईएचबीटी पहुंचे भारतीय वन सेवा के प्रोबेशनर्स

पालमपुर – फॉर्मास्टर्स को वन संसाधनों के ज्ञान, पारिस्थितिक तंत्र सेवाओं के मूल्यांकन, दुर्लभ, विलुप्त होने की कगार पर पहुंचे पौधों के संरक्षण के ज्ञान के साथ मानव जाति के फायदे के लिए पारंपरिक ज्ञान का प्रसार कर लोगों की आजीविका में सुधार लाने का प्रयास करना चाहिए। यह बात हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक डा. संजय कुमार ने संस्थान में पहुंचे भारतीय वन सेवा के प्रोबेशनर्स से कही। यह 45 प्रोबेशनर्स देहरादून स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के आईएफएस अधिकारी डा. पी विश्वकनन की अगवाई में सीएसआईआर-आईएचबीटी के दौर पर आए थे। समूह को जंगलों से संबंधित विभिन्न गतिविधियां दिखाई गईं। औषधीय महत्त्व के आरईटी पौधों के संरक्षण और घरेलू उत्पाद, बांस और अन्य पौधों के जर्मप्लाज्म, एफएसीई मुक्त वायु कार्बन डाइऑक्साइड संवर्धन और एफएटीआई मुक्त हवा के तहत पौधों की प्रजातियों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव तापमान वृद्धि आरएएमएस रिमोट एयर मॉनिटरिंग सिस्टम सुविधा के साथ पौधों की निगरानी आदि वषियों पर जानकारी प्रदान की गई।

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