सीर खड्ड- चैनेलाइजेशन पर उम्मीदें

घुमारवीं —  जाहू से लेकर बम्म तक पांच किलोमीटर के दायरे में किए गए चैनेलाइजेशन के बावजूद सीर खड्ड में बरसात के मौसम में बाढ़ का खतरा नहीं टला है। सैकड़ों बीघा उपजाऊ भूमि को हर साल तबाह करने वाली सीर खड्ड इस बार बरसाती मौसम में फिर किसानों को झटका देगी। हालांकि अभी आईपीएच विभाग के पास खड्ड के चैनेलाइजेशन को लेकर कोई प्लानिंग नहीं है। इससे इस साल भी सीर खड्ड में बाढ़ का खतरा बरकरार है।  घुमारवीं की जीवनी रेखा कही जाने वाली सीर खड्ड हर साल बारिश के मौसम में तबाही मचाती है। किसानों की सैकड़ों बीघा भूमि को बहाकर ले जाने वाली सीर खड्ड की चैनेलाइजेशन आधी-अधूरी है। सीर खड्ड पर महज जाहू से लेकर बम्म तक ही चैनेलाइजेशन हुआ है, जिससे बारिश का मौसम शुरू होने से पहले ही सीर खड्ड के किनारे बसे लोगों के माथों पर शिकन की लकीरें साफ दिखाई दे रही है। जानकारी के मुताबिक घुमारवीं की सीर खड्ड पर चैनेलाइजेशन न होने के कारण हर साल सैकड़ों बीघा उपजाऊ भूमि बह जाती है। इसके अलावा रही सही कसर खनन माफिया ने पूरी कर दी है। खनन से सीर खड्ड का जल स्तर नीचे गिर गया है। इससे बारिश के मौसम में बाढ़ का खतरा अधिक बढ़ गया है। सीर खड्ड के चैनेलाइजेशन के लिए  विधानसभा से लेकर सड़कों तक आवाज उठी। 1990 में तत्कालीन भाजपा विधायक कर्म देव धर्माणी ने सीर खड्ड की चैनेलाइजेशन की आवाज सबसे पहले विधानसभा में उठाई थी। विधानसभा क्षेत्र से लेकर सड़कों तक इसके लिए सड़कों पर भी आंदोलन हो चुके हैं, बावजूद इसके अभी तक सीर खड्ड का चैनेलाइजेशन का काम आधा-अधूरा पड़ा है। विदित रहे कि जाहू से लेकर घुमारवीं तक सीर खड्ड के किनारे सैकड़ों बीघा किसानों की उपजाऊ भूमि हर साल बाढ़ से बर्बाद होती है। सीर खड्ड में जाहू से बम्म तक पांच किलोमीटर तक 1426.54 लाख रुपए से चैनेलाइजेशन हुआ है,  लेकिन बम्म से नीचे घुमारवीं तक खतरा बरकरार है।

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