सूखे पेड़…न बरपा दें कहर

बिलासपुर  —  बरसात का मौसम आने से लोगों को बेशक गर्मी से राहत मिलती है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ बरसात में लोगों को जमीनी नुकसान का भी भय बना हुआ है। लोगों को भारी बरसात में जमीन खिसकना, खड्डों-नालों में तेज पानी का बहाव व घरों के साथ लगे बड़े-बड़े पेड़। ऐसा ही एक उदाहरण बिलासपुर शहर में भी है। 25 से 30 के लगभग सूखे पेड़ खतरा बने हुए हैं, लेकिन विडंबना यह है कि डीसी के आदेश और नगर परिषद द्वारा पूरी रिपोर्ट वन विभाग को सबमिट करने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। हालांकि इस समस्या के संदर्भ में लोगों ने कई बार वन विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाया, लेकिन चार माह बीत जाने के बाद भी विभागीय अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की है। इस तरह की लेटलटीफी से विभागीय अधिकारी पर सवालिया निशाना खड़ा हो गया है। बता दें कि कुछ समय पहले जिला उपायुक्त द्वारा वन विभाग को कड़े शब्दों में निर्देश दिए गए थे कि जल्द ही इन पेड़ों को कटवा दिया जाए, ताकि बरसात के मौसम में लोगों को जान-माल का खतरा न हो, लेकिन अब बरसात का मौसम शुरू होने पर भी विभाग द्वारा यहां पर एक बार भी जगह का निरीक्षण नहीं किया गया है। स्थानीय लोगों में रेखा, अनिता, शुषमा, विकास, प्रदीप कुमार,  रोहित, प्रकाश भारद्वाज, संदीप कुमार, सोनू, दुर्गी देवी व अन्य लोगों ने बताया कि बारिश के दौरान अगर यहां पर कोई पेड़ गिर जाता है और किसी के घर या जान-माल को नुकसान पहुंचता है तो इसकी जिम्मेदारी वन विभाग की होगी।

नगर परिषद ईओ के घर में भी गिरा था पेड़

कुछ सप्ताह पहले नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी के आवासीय स्थान में भी पेड़ गिर गया था। इस हादसे में कार्यकारी अधिकारी बाल-बाल बचे थे। इस दौरान नगर परिषद द्वारा भी वन विभाग को लिखित रूप से पत्र भेजा गया था कि शहर के डेंजर जोन में जो पेड़ हैं, उन्हें काट दिया जाए। परंतु कई सप्ताह बीत जाने के बाद भी विभाग द्वारा एक भी पेड़ नहीं काटा गया।

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