हिमाचल में मनरेगा के काम की चैकिंग

शिमला – हिमाचल प्रदेश में इन दिनों मिशन मनरेगा चल रहा है। इसकी किसी को कोई खबर नहीं है, क्योंकि इस अभियान के तहत पंचायत स्तर पर मनरेगा के काम को अचानक पहुंचकर खंगाला जा रहा है। सूत्रों के अनुसार इसमें ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त निदेशक समेत जिलाधीश, एसडीएम, एडीएम, बीडीओ व दूसरे अफसर अचानक दौरा कर मनरेगा के कामकाज को देख रहे हैं। जहां कहीं पर भी कमियां पाई जा रही हैं, वहां मौके पर ही कार्रवाई भी हो रही है। पहली दफा इस तरह का अभियान में प्रदेश में चल रहा है, क्योंकि जल्द ही केंद्रीय टीम यहां पर पहुंचने वाली है।  हिमाचल प्रदेश मनरेगा के लिए केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए 20 मापदंडों पर अव्वल आना चाहता है, ताकि देश में उसका पहला स्थान बने। खास इसी लिए यह अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें अवकाश के दिनों में भी पंचायतों में पहुंचकर अधिकारियों ने वहां की व्यवस्थाओं को परखा है। सूत्रों के अनुसार अगले कुछ दिन तक यह अभियान यूं ही जारी रहेगा और कौन अधिकारी कहां पर पहुंच जाएगा इसका कोई पता नहीं है। बताया जाता है कि 19 जून को प्रदेश में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की टीम आ रही हैं जिसमें केंद्रीय सचिव साथ होंगी। वह यहां पर देखेंगी कि मनरेगा के लिए तय मापदंडों पर किस तरह से काम किया जा रहा है। इसमें हिमाचल प्रदेश किस श्रेणी में है। यदि हिमाचल हरेक मापदंड को पूरा करता होगा तो राष्ट्रीय स्तर पर उसे मनरेगा में भी अवॉर्ड हासिल हो सकता है। इसके साथ ही कुछ अन्य पहाड़ी राज्यों का दल भी यहां पर आएगा जो यहां पर किए जा रहे कार्यों के बारे में जानेगा और अपने राज्यों की जानकारी यहां पर देगा। बताया जाता है कि जो मिशन मनरेगा इस समय चल रहा है उसमें मनरेगा के तहत किए जा रहे कार्यों में रजिस्टर को मेंटेन करने का काम देखा जा रहा है। मनरेगा के दिहाड़ीदारों को समय पर वेतन, उनका मस्टरोल, दिए गए कार्यों का लेखा जोखा इसे सभी पहलूओं को ध्यान में रखा जा रहा है। इस तरह के अभियान से फील्ड स्तर पर सक्रियता बढ़ी है और इससे मनरेगा के कार्यों में तेजी आएगी इसकी पूरी उम्मीद है। मिशन मनरेगा की रिपोर्ट सभी जिलों के जिलाधीशों से ली जाएगी, जिसके बाद कमियों को दूर करने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएंगे, ताकि बाद में परेशानी न हो।

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