फिर ‘कच्ची’ ही रह गई नौकरी
रेगुलर करने का फैसला न होने से अनुबंध पीटीए शिक्षक नाराज
शिमला — कैबिनेट मीटिंग में सरकार द्वारा 5000 अनुबंध (पीटीए) शिक्षकों के सशर्त नियमितीकरण का कोई फैसला न लेने पर अनुबंध शिक्षक संघ ने नाराजगी जाहिर की है। हिमाचल प्रदेश अनुबंध शिक्षक संघ (पीटीए) के प्रदेश अध्यक्ष बोविल ठाकुर ने प्रदेश सरकार से वर्ष 2006-07 से पीटीए के तरह सेवाएं देने और जनवरी, 2015 से अनुबंध के तहत सेवाएं दे रहे 5000 अनुबंधित पीटीए शिक्षकों को सशर्त नियमित करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का सत्ता में आते ही पीटीए शिक्षकों को नियमित करने की बात कही थी, जिसका जिक्र उनके घोषणा पत्र में भी था। आज सरकार के कार्यकाल के लगभग साढ़े चार वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है और अनुबंध पीटीए शिक्षक आज 11 वर्षों की निरंतर सेवाओं के बाद भी नियमितीकरण के लिए तरस रहे हैं। अनुबंध शिक्षक संघ (पीटीए) सरकार से मांग की कि तीन वर्ष की अनुबंध से नियमितीकरण की अवधि में छूट देकर इस अवधि को अढ़ाई वर्ष कर 5000 अनुबंध पीटीए शिक्षकों को सशर्त नियमित किया जाए। बोविल ठाकुर ने कहा कि आज प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे 5000 अनुबंध पीटीए शिक्षक सरकार से सिर्फ सशर्त नियमितीकरण चाहते हैं। उन्होंने कहा कि 11 वर्षों की लंबी सेवाओं के बाद भी आज ये शिक्षक अपने भविष्य को लेकर चिंतित है और सरकार से शीघ्र अति शीघ्र सशर्त नियमितीकरण करने की मांग कर रहे हैं। इस दौरान प्रदेश प्रभारी दीपक जौहटा, उपाध्यक्ष सोहन सिंघटा, महासचिव राकेश कुमार,जिला शिमला अध्यक्ष नवीन मेहता, उपाध्यक्ष वीरेंद्र खाची, महाचिव सुरेंद्र सामटा, पंकज साजटा, लोकिंद्र बकशेठ, सतीश चौहान, कंवर सिंह, यशवंत ठाकुर, कुशल सुनेल, पंकज सांजटा, ललित हसरेटा, सुनील रनाइक व विक्रम भी मौजूद रहे।
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