आखिर तैयार हो गया किंकरी देवी पार्क

संगड़ाह —  अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पर्यावरण प्रेमी किंकरी देवी की स्मृति में उनके गृहनगर संगड़ाह में गत दशक से लंबित पार्क आखिर मंगलवार को तैयार हो गया तथा उक्त पार्क बनने से उसके समर्थकों में भारी उत्साह है। किंकरी देवी के परिजनों, हरिजन लीग, स्यन्दन, सारा, एसवीएम व त्रिनेत्रा क्लब आदि स्वयंसेवी संगठनों ने पार्क निर्माण कार्य पूरा होने के लिए सांसद, संबंधित अधिकारियों, पंचायत प्रतिनिधियों व दिव्य हिमाचल के प्रयासों की सराहना की। बीडीओ संगड़ाह व स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों ने मंगलवार को उक्त पार्क के पूरे हो चुके निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। गत दशक से किंकरी देवी के समर्थकों, परिजनों व ‘दिव्य हिमाचल’ द्वारा पार्क निर्माण को लेकर लगातार किए गए प्रयासों के चलते विभिन्न अड़चनों के बावजूद भी पार्क तैयार हो गया। क्षेत्र में अपनी तरह के इस पहले पार्क को पर्यटन व पर्यावरण संरक्षण के संदेश की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण समझा जा रहा है। लंबित पार्क को लेकर ‘दिव्य हिमाचल’ द्वारा गत 14 व 15 जुलाई को प्रमुखता के आधार खबर प्रकाशित किए जाने के बाद उक्त पार्क में बैंच लगाने का अंतिम कार्य पूरा हो चुका है। गत चार माह से बैंच न लाए जाने के चलते पार्क निर्माण लंबित रहा। विगत मार्च माह में उक्त पार्क का ग्राउंड वर्क कंपलीट होने के बाद यहां लगने वाले बैंच लगवाने में हुई देरी के चलते अब तक पार्क अधूरा था। बीडीओ संगड़ाह व स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों के अनुसार मौजूदा बजट के मुताबिक निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। किंकरी पार्क के लिए तीन लाख की मौजूदा राशि जारी करने वाले सांसद वीरेंद्र कश्यप द्वारा 30 जून, 2016 को संगड़ाह में आयोजित एक कार्यक्रम में इसके लिए पांच लाख के अतिरिक्त बजट घोषणा की गई थी। मंगलवार को अतिरिक्त बजट को लेकर मोबाइल पर हुई बातचीत में सांसद कश्यप ने कहा कि किंकरी देवी पार्क के लिए पांच लाख का अतिरिक्त सांसद निधि जारी करने को लेकर वह जल्द उपायुक्त सिरमौर तथा बीडीओ संगड़ाह से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि वह अभी लोकसभा में हैं तथा अतिरिक्त बजट जारी अथवा खर्च होने से पूर्व वह मौजूदा बजट के मुताबिक बने किंकरी पार्क का स्वयं निरिक्षण भी करेंगे। उक्त पार्क के लिए पंचायत द्वारा दी गई अपनी 108 में से एक बीघा जमीन पर तकनीकी अड़चनें आने के बाद की किंकरी देवी के परिजनों द्वारा 421 वर्ग मीटर में बनने वाले इस पार्क के लिए अपनी जमीन दी गई। विगत छह मई को केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम तथा सांसद वीरेंद्र कश्यप द्वारा संगड़ाह में उक्त पार्क को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों व किंकरी देवी के परिजनों से पूछताछ किए जाने के बाद गत नौ मई बीडीओ संगड़ाह ने पार्क निर्माण कार्य का जायजा लिया। मरते दम तक पर्यावरण के दुश्मनों व खनन माफिया की छाती पर मूंग दलने वाली साहस की प्रतिमूर्ति किंकरी देवी का पार्क जहां विगत दशक से विभिन्न अड़चनों के चलते लंबित रहा, वहीं जीते जी भी किंकरी देवी घोर उपेक्षा का शिकार रही। प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2001 में स्त्री शक्ति पुरस्कार से सम्मानित व रानी झांसी की उपाधि से अलंकृत किंकरी देवी को वर्ष 1998 में चीन के बीजिंग में पांचवें अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन का शुभारंभ करने के लिए भी जाना जाता है। खनन माफिया व पर्यावरण के दुश्मनों से लोहा लेने के लिए अपना मंगलसूत्र तक को बेच देने वाली इस पर्यावरण प्रेमी के नवंबर, 2007 में गुर्दे खराब होने पर परिवार के पास इलाज के लिए पैसे नहीं थे तथा इन्हें सरकार की ओर से भी कोई मदद नहीं मिली। दिव्य हिमाचल द्वारा उनके इलाज के लिए हेल्पलाइन शुरू किए जाने के बाद हालांकि इन्हें पीजीआई चंडीगढ़ में दाखिल करवाया गया, मगर डाक्टरों के अनुसार तब तक काफी देर हो चुकी थी। बीडीओ संगड़ाह रमेश शर्मा ने कहा कि मौजूदा बजट के मुताबिक किंकरी देवी पार्क तैयार हो चुका है तथा वह इसका निरिक्षण कर चुके हैं। अतिरिक्त उपायुक्त सिरमौर एचएस ब्रेस्कोन ने इस बारे संपर्क करने पर कहा कि वह अभी शिमला में एक बैठक में हैं तथा कल तक उक्त पार्क के लिए जारी सांसद निधि के बारे में जानकारी दे पाएंगे।

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