केसीसीबी ‘भ्रष्टाचार का बैंक’

By: Jul 12th, 2017 12:01 am

बैंक के पूर्व अध्यक्ष रसील सिंह मनकोटिया ने जड़ा आरोप

हमीरपुर— कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक को अपने संबंधियों को लाभ पहुंचाने के लिए भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया गया है। पिछले चार सालों से बैंक प्रबंधन द्वारा बैंक में बिना औपचारिकता के ऋण का वितरण किया गया। बैंक का एनपीए 15 फीसदी से अधिक हो जाना, जरूरत से ज्यादा पदोन्नतियां देना, जरूरत से ज्यादा भर्तियां करने के अलावा अपने सबंधियों को लाभ पहुंचाने के लिए नई शाखाएं खोलकर बैंक को भ्रष्टाचार में डुबोया गया है। इसके लिए कांगड़ा बैंक व शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष को तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।  यह बात केसीसी बैंक के पूर्व अध्यक्ष रसील सिंह मनकोटिया ने कही। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने बैंक के शुभचिंतकों की याचिका पर बैंक भर्ती के परिणाम पर रोक लगा दी है। इसके चलते केसीसी बैंक का भविष्य गर्दिश में है। बैंक द्वारा नियमों के विपरीत परीक्षा स्कूल शिक्षा बोर्ड से करवाई गई, जो कि परीक्षा के लिए अधिकृत नहीं है। एक लाख 25 हजार अभ्यर्थियों से सात करोड़ 50 लाख की फीस लेकर आवेदन व परीक्षा की तिथि में मात्र 12 दिन का समय देकर पूरी तरह जल्दबाजी में परीक्षा करवाने के कारण कई परीक्षा केंद्रों में परीक्षा सामग्री का समय पर नहीं पहुंच पाई और कई परीक्षा केंद्र दूरदराज होने के कारण हजारों बच्चे परीक्षा से वंचित रहे। उन्होंने कहा कि बैंक व स्कूल बोर्ड के प्रबंधकों ने नई भर्ती करते समय पूरा समय क्यों नहीं दिया गया। परीक्षा केंद्रों की सही जानकारी क्यों नहीं दी गई। मंडी के परीक्षा केंद्र पर परीक्षा सामग्री क्यों नहीं पहुंचाई गई। उन्होंने कहा कि प्रबंधकों को किसी भी सूरत में माफ नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैंक का जो नुकसान हो रहा है, उसकी भरपाई उन्हीं से की जानी चाहिए।

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