खुद ही बना लिए रिलीव ऑर्डर

मना करने पर भी डाक्टर ने नहीं माने सीएमओ के आदेश, कारण बताओ नोटिस जारी

टीएमसी  — डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज में हाल ही में बतौर एमओ तैनात हुई एक महिला डाक्टर की तैनाती विवादों में आ गई है। बताते हैं कि कांगड़ा अस्पताल में बतौर एसएमओ (सीनियर मेडिकल आफिसर) तैनात इस महिला डाक्टर ने खुद ही अपने रिलीव ऑर्डर बना लिए और डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा में तैनाती भी दे दी। हैरानी की बात है कि टीएमसी प्रशासन ने भी इस महिला डाक्टर को यहां ज्वाइनिंग दे दी, जबकि सीएमओ आफिस से इस डाक्टर को कहा गया था कि वह आगामीआदेश आने तक यहां से रिलीव न करे। यही नहीं, टीएमसी प्रशासन को भी रिक्वेस्ट की गई कि वह अभी उनकी ज्वानिंग यहां न करवाए। बावजूद इसके महिला डाक्टर टीएमसी में तैनात हो गई। सीएमओ आफिस से इस बारे में सरकार से शिकायत की गई है साथ ही डाक्टर से पूछा गया है कि इस मामले में उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए।  जानकारी के अनुसार कांगड़ा अस्पताल में एसएमओ के पद पर तैनात महिला डाक्टर दीपाली शर्मा का पिछले माह टीएमसी में तबादला हुआ था, लेकिन कांगड़ा में डाक्टरों की कमी को देखते हुए सीएमओ आफिस ने आदेश जारी किए थे कि जब तक अस्पताल में दूसरी व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक वह यहां चार्ज न छोड़ें। यही नहीं, टीएमसी के पिं्रसीपल को भी इस बारे में बताया गया था कि अगले आदेश आने तक वह भी उन्हें चार्ज न दें।  बता दें कि कांगड़ा अस्पताल में डाक्टरों के आठ पदों में से चार खाली हैं। वहां एसएमओ को मिलाकर चार डाक्टर सेवाएं दे रहे थे, इनमें से भी एक महिला डाक्टर मेटरनिटी लीव पर है, यानी  कुल तीन डाक्टर थे, जो कि अब दो ही रह गए हैं। ऐसे में डाक्टर द्वारा खुद को अस्पताल से रिलीव कर लेना बहुत बड़ा सवाल है।

देख रहीं कार्यकारी एमएस का कार्यभार

टांडा मेडिकल कालेज के एमएस आजकल दस दिन के अवकाश पर गए हैं। ऐसे में टीएमसी प्रशासन की ओर से इस महिला डाक्टर को कार्यकारी एमएस का कार्यभार दे दिया गया है। वैसे उनकी यहां बतौर एमओ तैनाती हुई है और उन्हें रिकार्ड रूम का कार्यभार दिया गया है।

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