गगल में सजी देशी आमों की मंडी

गगल —  लो जी! गगल कस्बे में आखिर आमों की मंडी शुरू हो गई है। आमों का आफ ईयर होने के चलते कांगड़ा व इसके आसपास के क्षेत्रों में इस बार आम की फसल न के बराबर है। इस कारण यहां किसानों को एक बैग के हजार रुपए तक दाम आसानी से मिल रहे हैं। रोजाना शाम चार से आठ बजे तक सजने वाली मंडी से करीब 800 बैग पंजाब के अमृतसर शहर के लिए निर्यात किए जा रहे हैं। आलम यह है कि नाममात्र आढ़त होने के चलते यहां भवारना जैसे दूरवर्ती इलाकों से कारोबारी यहां माल लेकर पहुंच रहे हैं। इस बार आने वाले आमों में अचारी, दशहरी, गधा व मालदा आदि किस्में ग्राहकों को खूब लुभा रही हैं। एक कारोबारी श्याम ने बताया कि वह पिछले 15 साल से यहां माल ला रहे हैं। यहां आढ़त न के बराबर लगती है। साथ ही माल भी चुटकियों में बिक जाता है, यही वजह है कि उन्हें गगल पर सबसे ज्यादा भरोसा है।

50 साल पुरानी है मैंगो मार्केट

कारोबारियों ने बताया कि करीब 50 साल पहले लाला कस्तूरी ने इस मंडी को शुरू करवाया था। इसके पीछे मंशा यही थी कि गरीब किसान-बागबानों को कमाई का जरिया मिल सके, साथ ही कस्बे की उन्नति भी हो। यही वजह है कि कारोबारी इस मंडी पर खूब भरोसा करते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि कभी यहां से रोजाना आम के तीन ट्रक पंजाब के लिए जाते थे,लेकिन बीच में यह दौर थम सा गया। यह मंडी उन किसानों के लिए बेहद खास है,जो अपना उत्पाद बेच न पाते हैं।

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