नौ दिन बाद हुआ सूरज का अंतिम संस्कार

 शिमला- मां का हाथ थामें जब मासूम बच्चे आईजीएमसी आ रहे थे तो उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर उनकी मां की आंखे क्यों नम हैं। वह आज भी अपने पिता का इंतजार कर रहे थे। जब सूरज के शव को आईजीएमसी से संजौली शवगृह पहुंचाया गया, तो तमाम कोशिशें भी ममता के आंसू नहीं रोक पार्इं। ममता के साथ पूरा गोरख समाज था, पुलिस थी लेकिन ममता की आंखे इस भीड़ में भी एक ही सवाल का जवाब ढूंढ़ रही थी कि यह अचानक क्या हो गया, मेरे पति तो ऐसे नहीं थे, अब मेरे बच्चों का क्या होगा, हम कहां जाएंगे। कोटखाई में छात्रा दुष्कर्म और हत्या मामले के आरोपी सूरज का बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया, तो ममता की यह हालत देखकर उन लोगों की भी आंखे नम थी, जिनका उसके परिवार से कोई नाता ही नहीं था। कोटखाई थाने में मारे गए सूरज के शव का दो बार पोस्टमार्टम करने के बाद बुधवार को सुबह करीब पौने नौ बजे शव को कड़ी सुरक्षा पत्नी ममता को सौंपा गया। इसके बाद सुरक्षा घेरे में ही शव को संजौली शव दाह गृह ले जाया गया और वहां पत्नी और बच्चों की मौजूदगी में दाह संस्कार हुआ। इस दौरान पत्नी ममता को किसी से बात नहीं करने दी गई और दाह संस्कार के बाद ममता को वापस मशोबरा स्थित महिला आश्रम ले जाया गया। अब ममता अपने बच्चों के साथ फिलहाल वहीं रहेगी।