मिड-डे मील कर्मियों की हड़ताल 17 को

By: Jul 12th, 2017 12:05 am

स्वारघाट —  प्रदेश सरकार द्वारा मिड-डे मील कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है और उनकी मांगों की ओर न तो प्रदेश सरकार ध्यान दे रही है और न ही विभाग। मिड-डे मील कर्मचारियों ने कई बार ब्लॉक स्तर, जिला स्तर व प्रदेश स्तर पर धरने-प्रदर्शन किए तथा कई बार सरकार को ज्ञापन सौंपे, लेकिन सरकार व विभाग ने उनकी मांगों की ओर गौर नहीं फरमाया।  सरकार व विभाग से नाराज मिड-डे मील कर्मचारी 17 जुलाई को जिला मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन कर अपना रोष प्रकट करेंगे और यहीं से 24 घंटे की भूख हड़ताल भी शुरू होगी। एटक से संबंधित मिड-डे मील कर्मचारी यूनियन की जिला प्रधान कमलेश ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा मिड-डे मील कर्मचारियों को मात्र 33 रुपए दिहाड़ी देकर बेइनसाफी कर रही है। उन्होंने कहा कि मिड-डे मील कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर कई बार संघर्ष किए तथा सरकार को ज्ञापन सौंपे, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा उनकी मांगों पर कोई गौर नहीं किया गया। मिड-डे मील कर्मचारियों की मांगों में श्रम अधिनियम के तहत मिड-डे मील कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन दिया जाए। मिड-डे मील बनाने वाले कर्मियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। इन कर्मचारियों को दैनिक भोगी बनाया जाए। 25 बच्चों से कम संख्या के स्कूलों को बंद करने की शर्त को हटाया जाए। इन पढ़े-लिखे कर्मचारियों को स्कूलों में खाली पड़े चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों पर नियुक्त किया जाए। मिड-डे मील कर्मचारी को अन्य कर्मचारियों की तरह रक्षाबंधन, भैयादूज और करवाचौथ की छुट्टियों का प्रावधान किया जाए। प्रत्येक स्कूल में कम से कम दो मिड-डे मील कर्मी नियुक्त किए जाएं, ताकि कभी किसी कारणवश किसी एक कर्मी को अवकाश लेना पड़े तो दूसरा स्कूल में खाना बना सके।

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